काशीपुर : उत्तर प्रदेश की तरह उत्तराखंड में भी गन्ना फसल पर पोका बोईंग कीट का प्रकोप बढ़ रहा है। इससे किसानों की लागत में बढ़ोतरी होने के साथ साथ उनको आर्थिक नुकसान होने की संभावना बढ़ रही है। सहायक गन्ना आयुक्त निलेश कुमार ने नादेही परिक्षेत्र की ग्राम भगवंतपुर में गन्ना किसानों को पोका बोइंग बीमारी की पहचान के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि पोका बोइंग गन्ने की एक फफूंद जनित रोग है। इस बीमारी से गन्ने में 40 प्रतिशत से अधिक शर्करा उत्पादन कम हो सकता है। इस रोग की पहचान यह है कि गन्ने की पत्तियां एक साथ सिकुड़न अथवा घुमावदार हो जाती है।पत्तियों का कुरूप होना या विकृत होना या टेढ़ा-मेढ़ा हो जाना भी इस रोग के लक्षण हैं। इससे बचाव के लिए खेत में कार्बेंडाजिम का छिड़काव 15 दिन के अंतराल पर 2 से 3 बार किया जाना चाहिए।