कर्नाटक: मैसूर में उगाए गए गन्ने को अन्य जिलों के चीनी मिलों तक ले जाने पर प्रतिबंध हटाने की मांग

मैसूर: कर्नाटक गन्ना उत्पादक संघ (Karnataka Sugarcane Growers’ Association) की मैसूर जिला इकाई ने सरकार से चीनी मिलों को आपूर्ति किए जाने वाले गन्ने के लिए ₹4,000 प्रति टन का मूल्य तय करने का आग्रह किया है। संघ के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को मैसूर में डिप्टी कमिश्नर के.वी. राजेंद्र से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उनकी मांगों को सूचीबद्ध किया गया है, जिसमें गन्ने के लिए “उचित” मूल्य तय करना भी शामिल है।

द हिन्दू में प्रकाशित खबर के मुताबिक, किसानों ने तर्क दिया कि क्षेत्र में सूखे के कारण गन्ने के उत्पादन की लागत बढ़ गई है। सूखे की वजह से गन्ने का उत्पादन भी कम हुआ है। राज्य गन्ना किसान संघ की मैसूर जिला इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष किरागुरु शंकर के नेतृत्व में किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने मैसूर में उगाए गए गन्ने को अन्य जिलों में चीनी मिलों तक ले जाने पर प्रतिबंध हटाने का भी अधिकारियों से आग्रह किया।

किसानों ने याद दिलाया कि, राज्य सरकार ने चीनी मिलों को किसानों को उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) के अलावा प्रति टन 150 रुपये अतिरिक्त भुगतान करने का निर्देश दिया था। लेकिन, मैसूर जिले की चीनी मिल ने किसानों को अतिरिक्त राशि का भुगतान नहीं किया है। प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि, आगामी वर्ष के लिए पेराई कार्य शुरू होने से पहले किसानों के गन्ने के बकाये का भुगतान किया जाए।

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