Modi 3.0 100-day plan: NFCSF ने केंद्र सरकार से चीनी उद्योग को टॉप प्रायोरिटी पर लेने का किया आग्रह

कोल्हापुर: महाराष्ट्र में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए पूर्व मंत्री और नेशनल कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्री एसोसिएशन (NFCSF) के अध्यक्ष हर्षवर्धन पाटिल ने कहा कि, केंद्रीय मंत्रिमंडल में दो सहकारी राज्य मंत्री है। जिसमे पुणे के मुरलीधर मोहोल केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री बन गए है। मंत्री मोहोल को चीनी विभाग दिया गया है, और इससे राज्य में चीनी उद्योग को फायदा होने संभावना है। चीनी उद्योग से जुड़े सभी मुद्दे सुलझने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा, देश में जीएसटी लागू होने से पहले, हमें चीनी मिलों द्वारा चीनी बिक्री, मोलासिस बिक्री बिक्री पर कुछ टैक्स लगता था। उसे शुगर डेवलपमेंट फंड (SDF) के लिए दिया जाता था। इस SDF से मिलों को पूंजीगत व्यय और गन्ना उत्पादन के लिए ऋण प्रदान किया जाता था। लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद SDF योजना बंद कर दी गई। लेकिन देशभर की कई मिलों पर एसडीएफ का कुल 1,352 करोड़ रुपये कर्ज बकाया रह गया था। उन्होंने कहा कि, हमने पिछले महीने केंद्र सरकार से संपर्क किया है और हमने केंद्र सरकार से 650 करोड़ रुपये का ब्याज और पैनल ब्याज माफ कर दिया है। अब बाकी रकम का पुनर्गठन किया जाएगा। इस पुनर्गठन से राज्य की 27 से ज्यादा चीनी मिलों को फायदा होगा।

पाटील ने आगे कहा की, 6 दिसंबर 2023 को केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर जूस और सिरप के साथ-साथ बी हेवी मोलासेस से एथेनॉल उत्पादन पर रोक लगाई गई थी। जिस समय यह निर्णय लिया गया, उस समय देश की चीनी मिलों के पास बी हेवी मोलासेस का स्टॉक 7.5 लाख मीट्रिक टन था। तीन माह तक स्टॉक वैसे ही पड़ा रहा। इस स्टॉक से कोई अन्य उत्पाद नहीं हो सकता था। इसलिए हमने लोकसभा की आचार संहिता के बावजूद केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा और राष्ट्रीय सहकारी चीनी संघ की ओर से उनसे मांग की कि वह बी हेवी मोलासेस से एथेनॉल के उत्पादन की अनुमति दें, अन्यथा यह मोलासेस बर्बाद हो जाएगा। इससे फैक्ट्रियों और किसानों को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार ने 15 दिन पहले बी हेवी मोलासेस से एथेनॉल उत्पादन की अनुमति दी थी। इस मौके पर नेशनल कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्री एसोसिएशन के एमडी प्रकाश नाइकनवरे भी मौजूद थे।

उन्होंने कहा की अभी केंद्र सरकार 100 डेज डीसीजन (100 days plan) कार्यकम हाथ में ले रही है। हमारी ऐसी मांग है की यह 100 डेज डीसीजन में चीनी उद्योग को महत्त्व दिया जाए। क्यूंकि यह सोशल इकोनॉमिकली डेवेलपमनट करने वाली इंडस्ट्री है। हमारी केंद्र सरकार से अनुरोध है की चीनी उद्योग को टॉप प्रायोरिटी पर लिया जाए।

साथ ही में NFCSF द्वारा चीनी MSP बढ़ाने की मांग की गई। चीनी MSP 42 प्रति किलो करने की मांग की गई।

 

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