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पुणे : चीनीमंडी
आगामी पेराई सत्र में चीनी उद्योग को सूखे से बड़ा नुकसान होने की संभावना है, इतना ही नहीं गन्ने का क्षेत्र लगभग ३० प्रतिशत तक कम हो सकता है, जिससे चीनी का उत्पादन भी घटेगा। चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड ने कहा कि, आने वाले सीजन में महाराष्ट्र में केवल 65 लाख टन चीनी का उत्पादन हो सकता है।2018 – 2019 में राज्य में 11 लाख 62 हेक्टेयर पर गन्ने की फसल थी और 952 लाख टन गन्ने से लगभग 107 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया।
गायकवाड ने कहा कि, अगले सीझन में राज्य में गन्ना फसल क्षेत्र 8 लाख 43 हेक्टेयर तक रहने की संभावना है, और अगर सूखे की स्थिती और गंभीर होती है तो गन्ने का क्षेत्र और कम हो सकता है। मराठवाडा में गन्ना फसल क्षेत्र सबसे जादा कम हो सकता है, क्योंकि यह इलाका सूखे से सबसे जादा प्रभावित हुआ है। इसी कारण अगले सीझन में केवल 65 लाख टन चीनी उत्पादन होने का अनुमान लगाया जा रहा है। राज्य में अभी तक मिलों द्वारा 94 प्रतिशत एफआरपी बकाया भुगतान किया जा चूका है, जो मिलें भुगतान करने में विफ़ल रही उन 73 मिलों पर चीनी आयुक्त कार्यालय द्वारा कड़ी कारवाई की गई है। अगले सीझन में अगर गन्ना उत्पादन में कमी आती है तो इससे मिलों को कठिनाइयों सामना करना पड़ सकता है, लेकिन दूसरी तरफ किसानों को अच्छे दाम मिल सकता है।