कर्नाटक: चीनी मिलों और गन्ना किसानों के वित्तीय लेनदेन के डिजिटलीकरण की मांग की गई

कृषि से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा करने और कृषि क्षेत्र में व्याप्त संकट को दूर करने के लिए 24 जून को शिवमोग्गा में किसानों का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

सम्मेलन में विभिन्न राज्य स्तरीय नेता भाग लेंगे और कृषि उद्योग से जुड़े विषयों पर चर्चा करेंगे। यह बात राज्य गन्ना किसान संघ (State Sugarcane Cultivators Association) के अध्यक्ष कुरुबुर शांताकुमार ने मंगलवार को कही।

उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि सम्मेलन में कृषि बीमा में बदलाव लाने की अनिवार्यता पर चर्चा की जाएगी ताकि इसे और अधिक किसान हितैषी बनाया जा सके।

चीनी मिलों और गन्ना किसानों के वित्तीय लेन-देन के डिजिटलीकरण का आह्वान करते हुए शांताकुमार ने कहा कि प्रति टन पेराई किए गए गन्ने से चीनी की रिकवरी और जिन किसानों से फसल खरीदी गई है, उन्हें भुगतान की गई राशि का विवरण उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। शांताकुमार ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए पहले से ही एक ऐप विकसित किया गया है और सरकार को चीनी मिलों को अधिक पारदर्शिता लाने के लिए इसे चुनने के निर्देश जारी करने चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान में मिलों में प्रति टन पेराई किए गए गन्ने से चीनी की रिकवरी के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है और चीनी मिलों द्वारा किसानों को उनका हक नहीं दिया जा रहा है। यह सम्मेलन संयुक्त किसान मोर्चा के तहत उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में चल रहे किसान आंदोलन के लिए समर्थन आधार को मजबूत और व्यापक बनाने का एक प्रयास भी है। इस अवसर पर गन्ना किसान संघ के पदाधिकारी मौजूद थे।

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