कोल्हापुर: पुणे राज्य आबकारी विभाग ने कोल्हापुर जिले के बिद्री गांव में स्थित श्री दूधगंगा वेदगंगा सहकारी चीनी मिल की डिस्टलरी परियोजना का शुक्रवार रात से शनिवार सुबह तक निरीक्षण किया। अधिकारियों ने डिस्टिलरी परियोजना का निरीक्षण किया और दस्तावेज अपने साथ ले गए।बिद्री चीनी मिल के नाम से मशहूर इस फैक्ट्री के चेयरमैन, पूर्व विधायक और एनसीपी के नेता के.पी. पाटिल हैं।
आगामी विधानसभा चुनावों से पहले पाटिल के ‘एमवीए’ में शामिल होने की चर्चा है, क्योंकि उन्होंने दो दिन पहले मुदाल गांव में कांग्रेस के नए सांसद शाहू छत्रपति और कांग्रेस के जिला अध्यक्ष तथा एमएलसी सतेज पाटिल का स्वागत किया था। पाटिल को राधानगरी-भुदरगड विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक प्रकाश आबिटकर का कट्टर प्रतिद्वंद्वी माना जाता है।बिद्री के लोगों का कहना है कि, रात में अचानक किया गया निरीक्षण राजनीतिक कारणों से हो सकता है।गौरतलब है कि बिद्री चीनी मिल की 60,000 केएलपीडी क्षमता वाली डिस्टिलरी परियोजना स्थापित करने का काम चल रहा है।
सत्ताधारी और विपक्षी गठबंधन के बीच आरोप-प्रत्यारोप के चलते 130 करोड़ रुपये की यह परियोजना शुरू से ही चर्चा में थी। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ से बातचीत में पाटिल ने कहा, डिस्टिलरी परियोजना पूरी हो चुकी है और उत्पादन परीक्षण चल रहा है। शुक्रवार देर रात आबकारी टीम ने अचानक दौरा किया। वे अपने वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट करेंगे और हमें सूचित करेंगे, फिर कारखाना प्रबंधन उचित जानकारी देगा।
डिस्टिलरी परियोजना के संबंध में मिल के कार्यकारी निदेशक केएस चौगुले और संबंधित अधिकारियों ने राज्य आबकारी विभाग की टीम को विस्तृत जानकारी दी। श्री दूधगंगा वेदगंगा सहकारी चीनी मिल ने पिछले पेराई सत्र में पूरे महाराष्ट्र में गन्ने का सबसे अधिक मूल्य देने की उपलब्धि हासिल की थी। इस फैक्ट्री में जिले के सबसे ज्यादा सदस्य भी हैं।पिछले साल हुए श्री दूधगंगा वेदगंगा सहकारी चीनी मिल के चुनावों में के.पी. पाटिल के पैनल श्री महालक्ष्मी शेतकरी विकास आघाडी ने विपक्षी राजर्षी शाहू शेतकरी परिवर्तन विकास आघाडी को साढ़े पांच हजार से ज्यादा वोटों से हराकर सत्ता बरकरार रखी थी।