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बिजनौर: जिले में 9 गन्ना विकास सहकारी समितियों में से 2 समितियों के ऑडिट में पता चला की, इन समितियों में 1.81 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। जांच के अनुसार, उर्वरक और यूरिया की बिक्री के माध्यम से एकत्र किए गए धन को पिछले तीन वर्षों से अधिकारियों द्वारा छीना जा रहा था। बिजनौर जिले में नौ सहकारी गन्ना विकास समितियां हैं, जिनसे तीन लाख से अधिक किसान सीधे जुड़े हुए हैं।समितियां स्थानीय किसानों की विभिन्न आवश्यकताओं जैसे खाद, बीज, कीटनाशक, जैविक घटक और कृषि उपकरण की मांग को पूरा करती हैं।
जिला गन्ना अधिकारी यशपाल सिंह ने कहा की, “पिछले तीन वर्षों से, गोदामों के स्टॉक की जांच करने के लिए कोई ऑडिट नहीं किया गया था। जिले में नौ समितियां हैं, जिनके 44 गोदाम हैं। मैंने गोदामों के स्टॉक की जांच के लिए एक टीम बनाई। प्रथम दृष्टया, मुझे दो बिजनौर और हल्दौर गन्ना विकास समितियों से संबंधित चार गोदामों की ऑडिट रिपोर्ट मिली है। पता चला कि गोदामों में तैनात कर्मचारियों ने हजारों बोरी खाद बेची लेकिन उसमें नकदी जमा नहीं की और यह वर्षों से चल रहा था। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, बिजनौर के गोदाम में 87 लाख रुपये का घोटाला हुआ है, चंदुपुरा गोदाम में 25 लाख , बाणपुर में 13 लाख, हल्दौर गोदाम में 56 लाख रुपये का घोटाला हुआ है।”
सिंह ने कहा, “मैंने 1.81 करोड़ रुपये घोटाले के लिए सभी जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों को नोटिस दिया है। इसके अलावा, विभागीय कार्रवाई भी शुरू की जाएगी।”