मुंबई : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने कहा कि, गन्ना किसानों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए केंद्र सरकार को गन्ने के रस से एथेनॉल उत्पादन की अनुमति देने की अपनी नीति को जारी रखना चाहिए और एथेनॉल की कीमत बढ़ानी चाहिए। उन्होंने विधानसभा में कहा कि, इन मांगों को लेकर इसी महीने केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह के साथ बैठक होगी। उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार गन्ना किसानों के सर्वोत्तम हित में निर्णय लेगी। विधायक जयंत पाटिल और राजेश टोपे द्वारा उठाए गए मुद्दों का जवाब देते हुए पवार ने कहा कि, केंद्र सरकार की गन्ने के रस से एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने की नीति है और इन परियोजनाओं के लिए छह प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण भी उपलब्ध कराया गया है।
हालांकि, बाद में चीनी की कीमतों को नियंत्रित करने और कमी से बचने के लिए केंद्र सरकार ने एथेनॉल उत्पादन पर अपनी नीति बदल दी। अब जबकि राज्य और देश में रिकॉर्ड चीनी उत्पादन हुआ है, गन्ने के रस से एथेनॉल उत्पादन पर प्रतिबंध पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। अमित शाह से अनौपचारिक चर्चा हो चुकी है, जिन्होंने सकारात्मक रुख अपनाया है। इसलिए विधानसभा सत्र समाप्त होने के बाद एक महीने के भीतर केंद्रीय मंत्री शाह से मिलकर इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा।उन्होंने कहा कि, हाल के वर्षों में उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में वृद्धि हुई है, इसी तरह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में भी वृद्धि की आवश्यकता है। उन्होंने विश्वास जताया कि गन्ना किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाएगा।