कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो दिवसीय झारखंड प्रवास के दौरान किया आदिवासी भाई-बहनों के आवास का निरीक्षण, स्व-सहायता समूह की बहनों से भी किया संवाद

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने दो दिवसीय झारखंड प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत निर्माणधीन आवासो का निरीक्षण किया। साथ ही, स्व-सहायता समूह की बहनों से लखपति दीदी अभियान के संबंध में चर्चा की। उन्होंने डीआरएफ पद्धति से बन रही सड़कों का निरीक्षण भी किया। श्री चौहान ने झारखंड के रामगढ़ जिले स्थित ग्राम सुगिया का भ्रमण किया और ग्रामीणों से उनकी समस्याओं के संबंध में चर्चा कर निराकरण के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।

बहनों को मजबूर नहीं, मजबूत बनाना है
केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने झारखंड के रामगढ़ जिले में स्व-सहायता समूह की बहनों से भेंट कर संवाद किया। इस दौरान बहनों ने शिवराज सिंह को तिलक लगाकर पारंपरिक स्वागत किया। साथ ही स्व-सहायता समूह की बहनों ने मिट्टी के सांचे से बने पीतल के बर्तन भी शिवराज सिंह को दिखाए और अपने अनुभव साझा किए। बहनों से संवाद करते हुए श्री चौहान ने कहा कि, बहनों को मजबूर नहीं, मजबूत बनाना है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का संकल्प है कि हर गरीब बहन को लखपति बनाना है और दीदी अपने परिश्रम से इसे पूरा करने का प्रयास कर रही हैं। श्री चौहान ने कहा कि लखपति दीदी मतलब घर का कामकाज करते हुए हर बहन की सालाना आय 1 लाख रूपए से अधिक हो।

पीएम आवास का निरीक्षण
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने झारखंड के रामगढ़ जिले के ग्राम सुगिया में ‘पीएम जन-मन योजना’ के अंतर्गत श्रीमती रिंकी देवी के निर्माणाधीन आवास का निरीक्षण कर उनसे चर्चा की। इस दौरान श्री चौहान ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के नेतृत्व में गरीबों के पक्के आवास का सपना साकार हो रहा है। स्वयं का पक्का मकान बनने पर कितनी खुशी होती है, वो इस परिवार के चेहरे पर देखी जा सकती है।

एफडीआर पद्धति से बनी सड़क का निरीक्षण
केन्द्रीय मंत्री श्री चौहान ने झारखंड के रामगढ़ में एफडीआर पद्धति से बनी सड़क का निरीक्षण किया और मजदूरों से इस संबंध में चर्चा की। फुल डेप्थ रिक्लेमेशन (एफडीआर) एक रिसाइकिलिंग पद्धति है, इसमें बहुत ही कम संसाधनों में टिकाऊ सड़कें बनाई जा सकती हैं। खराब हो चुकी पक्की सड़क को उखाड़कर उससे निकलने वाले मटेरियल को पहले प्लांट ले जाया जाता है, फिर उसमें केमिकल और आवश्यक सामग्री मिलाकर नया मटेरियल तैयार किया जाता है और फिर उसे सड़क पर डाला जाता है। सड़क की धूल को हवा के प्रेशर से अच्छी तरह से साफ करने के बाद उस पर फैलिक कपड़े को बिछाया जाता है, ताकि वह मॉइश्चराइजर्स को आब्जर्व कर सके। इसके बाद उसके ऊपर डामर के लेप का छिड़काव किया जाता है और फिर मटेरियल को उस पर डालकर रोलर को घुमाया जाता है। इस पद्धति से बनने वाली सड़कें, आम सड़क से कई गुना मजबूत और सस्ती है।

झारखंड में बालू, ईट महंगी
केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने झारखंड प्रवास के दौरान ग्राम सुगिया का भ्रमण किया और ग्रामीणों से चर्चा की। इस दौरान ग्रामवासियों ने अपनी समस्याओं के संबंध में उनसे बात करते हुए बताया कि उन्हें ग्रामीण आवास के मकान स्वीकृत हो गए, किस्त भी आ गई, लेकिन झारखंड में बालू ईंट बहुत महंगी है, खरीद नहीं पा रहे हैं, इस कारण मकान बनाने में समस्या हो रही है।

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