सांगली:राष्ट्रवादी शरद चंद्र पवार पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि, दुनिया भर में तेजी से फैल रही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल पहली बार राज्य की गन्ने की खेती में किया जा रहा है। चूंकि इस तकनीक का उपयोग सभी फसलों में किया जाएगा, इससे किसानों के जीवन में क्रांति आ जाएगी। शरद पवार ने विश्वास जताया कि कम लागत में अधिक उत्पादन देने वाला यह शोध देश के कृषि क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा, किसानों को कृषि उत्पादकता बनाए रखने के लिए मिट्टी की सुधार के लिए कार्यक्रम चलाना चाहिए। वह सांगली जिले के तासगांव तालुका में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
पवार ने कहा, गन्ने की खेती में कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीक पर आधारित जलवायु परिवर्तन से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए एक परियोजना पुणे में शुरू की गई। इस परियोजना को तीन प्रमुख संगठनों ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, माइक्रोसॉफ्ट और बारामती में कृषि विकास ट्रस्ट द्वारा विकसित किया गया है। उन्होंने कहा,बारामती के कृषि विज्ञान केंद्र में तीन साल के परीक्षण के बाद अब यह प्रयोग 1,000 किसानों के खेतों पर लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, चूंकि गन्ना राज्य की एक महत्वपूर्ण फसल है, इसलिए इसे इस परियोजना के लिए सबसे पहले लिया गया। इस फसल में कुछ दिक्कत है। गन्ने की खेती में लगातार अधिक पानी और उर्वरक का प्रयोग हो रहा, और इसलिए दिक्कतें खड़ी हो गई है। उत्पादकता और चीनी की पैदावार भी कम हो जाती है। लेकिन अब गन्ने की खेती में इन समस्याओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से हल किया जा सकता है। इस अवसर पर विधायक सुमनताई पाटिल, रोहित पाटिल सहित संगठन के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे।