बिहार का चीनी उद्योग नई उड़ान भरने को तैयार, गन्ना किसानों का तैयार हो रहा डेटाबेस

पटना, बिहार: बिहार का चीनी उद्योग नई उड़ान भरने को तैयार है। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक आदि राज्यों ने चीनी उद्योग के माध्यम से प्रगति की नई नई ऊंचाईयों को छुआ है, और अब इस रस्ते से बिहार भी चलने को तैयार है। गन्ना उद्योग विभाग राज्य में गन्ना उत्पादन बढ़ाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहा है, जिससे चीनी उत्पादन में भी वृद्धि होगी। विभाग द्वारा गन्ना किसानों का डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। इसी डाटाबेस के जरिए किसानों तक विभाग की योजनाओं की जानकारी पहुंचाई जाएगी। उन्हें अनुदान का सीधा लाभ दिया जाएगा।

लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, ईख आयुक्त अनिल कुमार झा ने बताया कि विभाग किसानों से सीधा संवाद रखेगा। ईख अनुसंधान संस्थान पूसा की ओर से मॉनिटरिंग एंड एडवाइजरी सर्विस फॉर शुगरकेन इन बिहार(मास) तैयार किया जा रहा है। इसके जरिए गन्ना किसानों को खूंटी प्रबंधन, कीट व्याधि प्रबंधन, अंतरवर्ती खेती एवं नवीनतम तकनीक आदि की जानकारी दी जाएगी। इसका मकसद गन्ना उत्पादन में वृद्धि करना है। इस सॉफ्टवेयर को तैयार करने के लिए विभाग ने 24.46 लाख रुपये खर्च करने की योजना बनाई है।

एनआईसी की ओर से भी विभाग का एक पोर्टल भी तैयार किया जा रहा है। इस पोर्टल पर किसानों को योजनाओं से संबंधित जानकारी दी जाएगी। इन योजनाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। अभी किसान ऑफलाइन आवेदन करते हैं, जिसकी प्रक्रिया लंबी होती है। किसानों का सत्यापन भी हो सकेगा। अभी सत्यापन की प्रक्रिया बहुत लंबी है। इस कारण किसानों को बीज आवंटन, अनुदान या अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी होती है। गन्ना उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रगतिशील किसानों के दल को प्रशिक्षण के लिए राज्य के बाहर भ्रमण कराया जाएगा। पुणे, कोयंबटूर, करनाल, कानपुर, लखनऊ के संस्थानों में किसानों को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इसके अलावा राज्य में भी किसानों को प्रशिक्षण देने की तैयारी है।

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