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सोलापुर : चीनीमंडी
केंद्र सरकार के सॉफ्ट लोन के लिए सोलापुर जिले की 29 मिलों ने आवेदन किया था, उसमे से 15 मिलों को विभिन्न बैंकों से लगभग 280 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया और वह रकम किसानों के खातों में जमा कि गई है। लेकिन अभी भी जिले में 14 मिलें सॉफ्ट लोन से वंचित है, उन मिलों को अब एफआरपी भुगतान करने में दिक्कत आ सकती है। वर्तमान में सोलापुर और उस्मानाबाद जिलों में चीनी मिलों के पास लगभग 300 करोड़ एफआरपी बकाया हैं।
पिछले सीजन में जिले में चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज किया गया था। हालांकि, चीनी की बिक्री न होने के कारण, गन्ना उत्पादकों की राशि का भुगतान करने के लिए चीनी मिलों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इसलिए ‘एफआरपी’ की मात्रा बढ़ गई थी। कुछ मिलों ने गन्ना किसानों को चीनी बेचकर ‘एफआरपी’ राशि दी थी और कुछ चीनी मिलों ने सरकार से मदद मांगी थी। सॉफ्ट लोन के तहत केंद्र सरकार एक साल के लिए बैंकों द्वारा दिए गए ऋण पर ब्याज का भुगतान करेगी। इसलिए, यह ब्याज मुक्त ऋण चीनी मिलों को उपलब्ध होगा।
….इन मिलों को मिला सॉफ्ट लोन
पांडुरंग – 36.8 करोड़, ‘लोकनेत बाबूराव पाटिल एग्रो – 23.55 करोड़, ‘शंकरराव मोहिते-पाटिल – 41.93 करोड़, संत दामाजी – 11.7 करोड़, ‘वसंतराव काले चंद्रभागा – 13.53 करोड़ , भीमा टाकली – 13.55 करोड़,’ विठ्ठल गुरसैल – 25.52 करोड़, ‘विठ्ठल रिफेडड शुगर – 13.14 करोड़,’ लोकमंगल एग्रो बीबी दारफल – 9.52 करोड़,’ लोकमंगल शुगर (इथेनॉल) – 16.88 करोड़, इंद्रेश्वर शुगर मिल्स – 17 .21 करोड़ , विठ्ठल कॉर्पोरेशन – 15 .88 करोड़ , ‘बबनराव शिंदे शुगर पिंपरी – 24.54 करोड़ ,’ ज़कराया शुगर – 14 करोड़