पीयूष गोयल G7 और अन्य साझेदार देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 16-17 जुलाई, 2024 को जी7 व्यापार मंत्रियों की बैठक के आउटरीच सत्र में हिस्सा लेने के लिए इटली के रेजियो कैलाब्रिया की यात्रा करेंगे। अपने इस दौरे के दौरान, गोयल आउटरीच सत्र में जी7 देशों और अन्य हिस्सा लेने वाले देशों के व्यापार मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकों में भी भाग लेंगे, जो वैश्विक व्यापार और निवेश साझेदारी के लिए भारत की प्रतिबद्धता को और अधिक मजबूत करेगा।

यह यात्रा भारत द्वारा पेश किए जाने वाले अपार व्यापार और निवेश अवसरों को प्रदर्शित करने के रणनीतिक प्रयासों को रेखांकित करती है, जो एक मजबूत कानून के शासन वाले लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में इसकी स्थिति पर जोर देती है।

इटली की अपनी यात्रा से पहले, गोयल 14 और 15 जुलाई, 2024 को अपने स्विस समकक्षों के साथ व्यापार और आधिकारिक बैठकों के लिए स्विट्जरलैंड में होंगे। चर्चा यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते (टीईपीए) के कार्यान्वयन और ईएफटीए द्वारा की गई 100 अरब अमरीकी डॉलर की निवेश प्रतिबद्धताओं के लिए रोडमैप तैयार करने पर केंद्रित होगी। इस दौरे का उद्देश्य भारत और स्विट्जरलैंड के बीच द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापक भागीदारी को और मजबूत करना, गहरे आर्थिक संबंधों और पारस्परिक विकास को बढ़ावा देना है।

रेजियो कैलाब्रिया में जी7 व्यापार मंत्रियों की बैठक के आउटरीच सत्र में, गोयल वैश्विक व्यापार और आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन के लिए भारत के विजन को स्पष्ट करेंगे, जिसमें व्यापार करने में आसानी बढ़ाने और विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए किए गए महत्वपूर्ण सुधारों और पहलों पर प्रकाश डाला जाएगा।

जी7 आउटरीच सत्र के अलावा, गोयल जी7 देशों के अपने समकक्षों के साथ-साथ अन्य हिस्सा लेने वाले देशों के व्यापार मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इन बैठकों का उद्देश्य व्यापार और निवेश के लिए नए रास्ते तलाश करना, द्विपक्षीय व्यापार मुद्दों को हल करना और आर्थिक सहयोग को गहरा करना है।

विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत का उत्थान इसके गतिशील आर्थिक परिदृश्य और मजबूत विकास क्षमता का सबूत है। भारत अपने बाजारोन्मुख सुधारों, कुशल कार्यबल और रणनीतिक स्थान के साथ वैश्विक व्यवसायों के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करता है। इन उच्च-स्तरीय बैठकों में गोयल की भागीदारी भारत की आर्थिक कूटनीति को आगे बढ़ाएगी, जिससे वैश्विक मंच पर भारत के हितों को बढ़ावा मिलेगा।

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