कर्नाटक: गन्ना भुगतान के लिए सरकार द्वारा तय की चीनी रिकवरी दर को 10.5% से घटाकर 8.5% किये जाने की मांग

मैसूर : कर्नाटक गन्ना उत्पादक संघ के सदस्यों ने मंगलवार को यहां उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। भाग्यराजू के नेतृत्व में किसान यह भी चाहते थे कि, सरकार खुले बाजार में गन्ने की बिक्री और परिवहन पर प्रतिबंध हटाए।

भाग्यराजू ने कहा कि, किसानों को खुले बाजार में बिक्री के लिए एक जिले से दूसरे जिले में गन्ना ले जाने पर प्रतिबंध हटाने से उन्हें अधिक एवं अधिक लाभकारी मूल्य मिलेगा। उन्होंने कहा कि, इससे कटाई और पेराई में होने वाली देरी भी कम होगी। संघ ने कहा कि, मैसूर और चामराजनगर के गन्ना उत्पादक सरकार द्वारा तय प्रति टन चीनी रिकवरी की उच्च दर से नकारात्मक रूप से प्रभावित हुए हैं। इसे 10.5% से घटाकर 8.5% किया जाना चाहिए।

आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 2024-25 सीजन के लिए गन्ने के लिए एफआरपी को 10.25% की चीनी रिकवरी दर पर 3,400 रुपये प्रति टन पर मंजूरी दी थी और किसानों ने इस पर आपत्ति जताई थी। किसानों ने एफआरपी में संशोधन की मांग की और चाहते थे कि सरकार खेती की बढ़ती लागत को देखते हुए कम से कम 4,000 रुपये प्रति टन तय करे। किसान यह भी चाहते थे कि सभी चीनी मिलों में APMC द्वारा तौल मशीनें लगाई जाए ताकि दोषपूर्ण तौल से संबंधित किसी भी संदेह को दूर किया जा सके, जो कि किसानों के हितों के खिलाफ हो सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here