पुणे: पोल्ट्री उद्योग के सदस्यों ने देश में मक्का की बढ़ती कीमतों पर चिंता जताई है और केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह को पत्र लिखकर उनसे शून्य आयात शुल्क (Zero import duty) के साथ जेनेटिकली मोडिफाइड (GM/Genetically modified) मक्का के आयात की अनुमति देने का आग्रह किया है।
प्रीमियम चिक फीड्स के निदेशक गिरीश कोलवणकर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, एथेनॉल उद्योग द्वारा मक्का का उपयोग शुरू करने के बाद मक्का की कीमतें 23-24 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 28-29 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं। इससे पोल्ट्री उद्योग की कुल उत्पादन लागत प्रभावित हुई है।
पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रणपाल ढांडा ने कहा, हमने मांग की है कि केंद्र सरकार को जीएम मक्का के लिए मौजूदा आयात सीमा को 5 मिलियन टन से बढ़ाकर कम से कम 15 से 20 मिलियन टन करना चाहिए। पोल्ट्री उद्योग के लिए इसे किफायती बनाने के लिए इसे शुल्क मुक्त भी किया जाना चाहिए क्योंकि हम एथेनॉल उद्योग के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि, शून्य शुल्क आयात की अनुमति देने के बाद भी, उद्योग जीएम मक्का के लिए लगभग 24 से 25 रुपये प्रति किलोग्राम का भुगतान करेगा, जो भारत में मक्का के लिए एमएसपी (22.25 रुपये प्रति किलोग्राम) से अधिक होगा।
ढांडा ने कहा, हालांकि, वर्तमान मानदंडों के तहत हमें 15% आयात शुल्क के साथ लगभग 26.5 रुपये प्रति किलोग्राम का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाता है। यूक्रेन और ब्राजील जैसे देश उद्योग द्वारा जीएम मक्का आयात करने के लिए सबसे अधिक पसंद किए जाते हैं।
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