डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना का उपयोग करते हुए 400 जिलों में खरीफ फसलों का डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा

कृषि क्षेत्र में उत्‍पादकता बढ़ाने और लचीलापन लाने के लिए केन्‍द्रीय बजट 2024-25 में कई उपायों की घोषणा की गई है जिसमें डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, तिलहन के लिए ‘आत्‍मनिर्भरता’, बड़े पैमाने पर सब्‍जी उत्‍पादन केन्‍द्रों की स्‍थापना और झींगा ब्रूड-स्‍टॉक्‍स के लिए न्‍यूक्लियस ब्रीडिंग केन्‍द्रों का नेटवर्क स्‍थापित करने के लिए वित्‍तीय सहायता शामिल हैं।

कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसरंचना

प्रायोगिक परियोजना की सफलता से उत्साहित होकर, सरकार 3 वर्षों में किसानों और उनकी जमीन को शामिल करने के उद्देश्य से राज्यों के साथ मिलकर कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू करने में सहायता करेगी। केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि इस साल डीपीआई का उपयोग करते हुए खरीफ फसलों का 400 जिलों में डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि 6 करोड़ किसानों और उनकी जमीन के ब्यौरों को किसान और जमीन की रजिस्ट्री में दर्ज किया जाएगा। श्रीमती सीतारमण ने यह भी कहा कि पांच राज्‍यों में जन समर्थ आ‍धारित किसान क्रे‍डिट कार्ड जारी किए जाएंगे।

दलहन और तिलहन मिशन

दलहनों और तिलहनों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सरकार इन फसलों के उत्‍पादन, भंडारण और विपणनन को मजबूत बनाएगी। आज संसद में केन्‍द्रीय बजट 2024-25 पेश करते हुए केन्‍द्रीय मंत्री श्रीमती सीतारमण ने बताया कि सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसी तिलहनों में‘आत्‍मनिर्भरता’हासिल करने के लिए एक कार्यनीति बनाई जा रही है, जैसा कि अंतरिम बजट में घोषणा की गई थी।

सब्जी उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला

वित्‍त मंत्री ने बताया कि प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों के नजदीक सब्जी उत्पादन केन्‍द्रों की स्‍थापना की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि सरकार उपज के संग्रहण, भंडारण और विपणन सहित सब्जी आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए किसान-उत्पादक संगठनों, सहकारी समितियों और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देगी।

झींगा उत्पादन और निर्यात

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री ने कहा कि झींगा ब्रूड-स्टॉक्स न्यूक्लियस ब्रीडिंग केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्‍होंने कहा कि झींगा पालन, उनके प्रसंस्करण और निर्यात के लिए नाबार्ड के माध्यम से वित्तपोषण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

केन्‍द्रीय बजट में घोषित नौ प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से कृषि क्षेत्र में उत्‍पादन और लचीलापन पहली प्राथमिकता है। बजट 2024-25 में कृषि और उससे संबंधित क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्‍होंने‘अन्‍नदाता’(किसान) को 4 प्रमुख जातियों में से एक बताया और कहा कि इन पर विशेष ध्‍यान देने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि सरकार सभी प्रमुख फसलों के लिए एक महीने पहले उच्‍च न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍यों की घोषणा की है। यह लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत मार्जिन के वायदे के अनुरूप है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना को अगले पांच के लिए बढ़ा दिया गया है जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ मिल रहा है।

(Source: PIB)

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