स्वाभिमानी शेतकरी संगठन में फिर फूट, रविकांत तुपकर ने अपनी अलग से पार्टी बनाई!

कोल्हापुर: स्वाभिमानी शेतकरी संगठन में फिर एक बार फूट पड़ गई है। उल्हास पाटिल, सदाभाऊ खोत, विधायक देवेंद्र भुयार के बाद अब रविकांत तुपकर भी संगठन से अलग हो गये है और उन्होंने अपनी ‘महाराष्ट्र क्रांतिकारी आघाड़ी’ पार्टी की स्थापना की है।स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के लिए यह पिछले कुछ सालों में लगा तीसरा सबसे बड़ा झटका है। सबसे पहले उल्हास पाटील स्वाभिमानी शेतकरी संगठन से अलग होकर शिवसेना में शामिल हुए।खोत ने ‘रयत क्रांति संगठन’ का गठन किया, और अब तुपकर ने ‘महाराष्ट्र क्रांतिकारी आघाड़ी’ की स्थापना कर शेट्टी को चुनौती देने की कोशिश की है। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद स्वाभिमानी शेतकरी संगठन को यह दूसरा बड़ा झटका लगा है।पार्टी कार्यकर्ताओं में बेचैनी बढ़ गई है, तो दूसरी ओर प्रदेश के हजारों गन्ना किसान इस घटना से आहत हुए है। चीनी मिलों के खिलाफ सबसे ताकतवर संघठन का इस तरह बिखरना किसानों को रास नही आ रहा है।

तुपकर द्वारा ‘महाराष्ट्र क्रांतिकारी आघाडी’ का ऐलान…

स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. जालिंदर पाटिल ने दो दिन पहले पुणे में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया था कि, आज से हमारा (पार्टी का) रविकांत तुपकर से कोई संबंध नहीं है। तुपकर ने ट्वीट कर अपने खिलाफ हुई कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, उनके खिलाफ की गई निलंबन की कार्रवाई चौंकाने वाली है। इसके बाद रविकांत तुपकर ने पुणे में अपने समर्थकों की एक बैठक की। इस बैठक में उन्होंने ‘महाराष्ट्र क्रांतिकारी आघाड़ी’ नाम से नई पार्टी की घोषणा की और कहा कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

शेट्टी के सामने फिर एक बार संगठन ‘खड़ा’ करने की चुनौती…

संगठन के प्रमुख राजू शेट्टी लगातार दो बार लोकसभा चुनाव हार चुके है। दूसरी बार वे अपनी जमानत राशि भी नहीं बचा सके।संगठन में सहकर्मी भी उनका साथ छोड़ चले गये है। इस पृष्ठभूमि में उनके सामने संगठन को फिर से मजबूती से खड़ा करने की चुनौती है। महाराष्ट्र में अक्टूबर 2024 में विधानसभा चुनाव होने वाले है। उसके बाद जिला परिषद, पंचायत समिति, नगर निगम और नगर पालिकाओं के चुनाव होंगे।उससे पहले शेट्टी के सामने पूरे राज्य में संगठन का विस्तार करने की बड़ी चुनौती है।

किसान संगठन को ‘टूटने’ का शाप…

गन्ना किसानों के मुद्दे पर किसान संगठन के नेता शरद जोशी को चुनौती देकर राजू शेट्टी ने स्वाभिमानी शेतकरी संगठन का गठन किया। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के माध्यम से राजू शेट्टी ने जिला परिषद सदस्य से लेकर सांसद तक का राजनीतिक सफर तय किया। वह एक बार विधायक और दो बार सांसद बने। शेट्टी ने 2014 में बीजेपी सरकार का समर्थन किया था। इससे उनके संगठन को विधान परिषद में सीट मिल गई।इस सीट से सदाभाऊ खोत राज्य मंत्री बने।लेकिन, शेट्टी के साथ टकराव के बाद खोत ने अपना अलग संगठन बनाया और भाजपा के साथ गठबंधन बना लिया।वहां वह दोबारा विधायक बने।अब रविकांत तुपकर संगठन से बाहर हो गये है।इससे पहले स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के एकमात्र विधायक देवेंद्र भुयार ने भी संगठन से दुरी बना ली है।शेट्टी के सामने अब स्वाभिमानी शेतकरी संगठन को फिर एक बार मजबूती से खड़ा करने की चुनौती है।

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