कोल्हापुर: जिले में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है, क्योंकि पंचगंगा नदी के खतरे के निशान 43 फीट को पार कर गई।कोल्हापुर शहर से सटी कळंबा झील भी बुधवार सुबह ओवरफ्लो होने लगी। इस ओवरफ्लो से जयंती नाले और अप्रत्यक्ष रूप से पंचगंगा नदी का जलस्तर और बढ़ जाएगा। राधानगरी बांध के चार स्वचालित द्वार गुरुवार दोपहर 12 बजे तक खुल गए हैं और कुल 7212 क्यूसेक पानी भोगावती नदी में छोड़ा जा रहा है। आपको बता दे की, बांध के स्वचालित गेट नं. 3, 4, 6 और 6 खुले हैं। जिले में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है और कई सड़कें पानी में डूब जाने से यातायात ठप हो गया है। राधानगरी, काळम्मावाडी, वारणा बांधों में जलस्तर बढ़ रहा है। इससे नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है।राधानगरी बांध से पानी डिस्चार्ज बढ़ने से पंचगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति गंभीर होने की आशंका है।
जिला प्रशासन ने नागरिकों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। वारणा बांध से 8874 क्यूसेक, जबकि जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए दूधगंगा (काळम्मावाडी) बांध से भी पानी छोड़े जाने से सभी नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। पंचगंगा नदी खतरे के निशान पर पहुंच गई है। जिले में प्रमुख 65 सड़कों और 81 बांधों के ऊपर पानी पहुंच गया है। काळम्मावाडी बांध क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण जलाशय का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। बांध के जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए बांध के बिजली उत्पादन केंद्र से 1000 क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है। रत्नागिरी-कोल्हापुर राजमार्ग यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।
कोल्हापुर में इससे पहले 2019 और 2021 में भी भारी बाढ़ आई थी, जिससे जिला ठप हो गया था। जिला आपदा प्रबंधन दल के प्रमुख प्रसाद संकपाल ने बताया, गुरुवार के लिए ऑरेंज अलर्ट है। बाढ़ की आशंका वाले इलाकों के निवासियों को सतर्क कर दिया गया है और निकासी के लिए तैयार रहने को कहा गया है। लोगों से जिला प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों और निर्देशों का पालन करने का अनुरोध किया गया है। शहर के निचले इलाकों और जिले के नदी किनारे बाढ़ की आशंका वाले गांवों से लोगों को निकालने का काम शुरू हो गया है। एनडीआरएफ और केडीआरएफ की टीमें बाढ़ की आशंका वाले गांवों का दौरा कर रही हैं और ग्रामीणों से स्थिति गंभीर होने से पहले ही निकासी करने की अपील कर रही हैं। कोल्हापुर शहर में सुतारवाड़ा और तावड़े होटल क्षेत्र से 102 लोगों को निकालकर चित्रदुर्ग मठ और मार्केट यार्ड हॉल में स्थानांतरित कर दिया गया है। कोल्हापुर जिले में अंबेवाड़ी, इंगली और शिरोली से 294 ग्रामीणों को निकाला गया है।