कोल्हापुर (महाराष्ट्र): कोल्हापुर जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 1,379 परिवारों के 5,849 लोगों को स्थानांतरित किया है, जिसमें अकेले करवीर तहसील के 5,116 लोग शामिल हैं। लगभग 3,080 पालतू जानवरों को भी प्रशासन द्वारा सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। पंचगंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिला प्रशासन के आपदा प्रबंधन द्वारा जारी दैनिक रिपोर्ट में खतरे का स्तर 43′ बताया गया है, लेकिन 26 जुलाई की रात 11 बजे तक पंचगंगा नदी 46″ फीट के निशान से ऊपर बह रही है।जिला प्रशासन ने करवीर तहसील के चिखली, आंबेवाडी, भामटे और हळदी जैसे प्रभावित गांवों से लोगों को स्थानांतरित करना भी शुरू कर दिया है, जो सबसे अधिक प्रभावित है।
बाढ़ की स्थिति के कारण, 10 राज्य राजमार्गों सहित कुल 54 सड़कों को यातायात के लिए बंद किया जा रहा है।प्रशासन की दैनिक रिपोर्ट में 200 से अधिक घरों को आंशिक नुकसान का भी उल्लेख किया गया है। सौभाग्य से,अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।26 जुलाई को राधानगरी बांध से कुल 1,00,68 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि वारणा बांध से 1,01,17 क्यूसेक और दूधगंगा से 1000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
इस बीच, जिला संरक्षक मंत्री हसन मुश्रीफ ने जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और उन्हें लोगों को हर संभव सहायता और समर्थन देने का निर्देश दिया। उन्होंने लोगों से इस स्थिति में घबराने की भी अपील की, क्योंकि सभी व्यवस्थाएं की गई हैं।उन्होंने कहा, लोगों को समय पर खुद को स्थानांतरित करने में अधिकारियों के साथ सहयोग करना चाहिए।मंत्री मुश्रीफ ने यह भी बताया कि, एनडीआरएफ की एक टीम पहले से ही जिले में काम कर रही है और कोल्हापुर जिला राहत बल (केडीआरएफ) के जवानों के साथ एक और टीम तैनात की जायेगी।
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