कोल्हापुर: कोल्हापुर जिले में बाढ़ का कहर जारी है। बाढ़ से जिले में चावल, गन्ना, सोयाबीन, मूंगफली की फसलें सबसे ज्यादा प्रभावित होने की संभावना है।
प्रारंभिक अनुमान के अनुसार जिले के 300 से ज्यादा गांवों की लगभग 25 हजार हेक्टेयर फसलें जलमग्न हो गई हैं। फ़िलहाल बारिश रुक गई है, लेकिन फिर भी बाढ़ का पानी कम होने में कुछ दिनों का समय लग सकता है। आपको बता दे की, नदी के किनारे की गन्ने की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान होने की आशंका है।
दूधगंगा, कृष्णा और वारणा नदियों में बाढ़ आने से हजारों हेक्टेयर फसल खतरे में पड़ गई है। करवीर तालुका में अंबेवाडी, प्रयाग चिखली, आरे, बालिंगे, पाडली खुर्द, शिंगणापुर, पाडली बुद्रुक, चिंचवड़, गांधीनगर, नागदेववाडी, शिये, कोपर्डे सहित कई अन्य कई गांव बुरी तरह प्रभावित हुए है। करवीर तालुका के बाद गगनबावडा, राधानगरी, हातकनंगले, शिरोळ, पन्हाला और शाहुवाडी तालुका में भी फसलें बाढ़ की चपेट में आ गई हैं। सरकारी मापदंड के मुताबिक 33 फीसदी से ज्यादा नुकसान वाली फसलों का मुआवजा दिया जाता है।
‘चीनीमंडी’ से बात करते हुए जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी अजय कुलकर्णी ने कहा कि, जिले में अभी भी बाढ़ की स्थिति बनी हुई है और 300 से ज्यादा गांवो में बढ़ से फसल काफी जादा प्रभावित हुई है। बाढ़ का पानी कम होने के बाद ही नुकसान का सही अनुमान लगाया जा सकेगा।
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