चंडीगढ़ प्रशासन का एथेनॉल पर चलने वाले वाहनों को परमिट की आवश्यकताओं से छूट देने की योजना

चंडीगढ़: चंडीगढ़ में टैक्सी किराया और सवारी रद्द करने को विनियमित करेगा। साथ ही चंडीगढ़ प्रशासन ने EV, एथेनॉल या मेथनॉल पर चलने वाले वाहनों को परमिट की आवश्यकताओं से छूट देने देने की योजना है। मसौदा नियमों (Draft Motor Vehicles Rules) में कहा गया है कि, चालू वर्ष के लिए थोक मूल्य सूचकांक (WPI) द्वारा अनुक्रमित शहर टैक्सी किराया ग्राहकों से वसूला जाने वाला आधार किराया होगा। नियमों में कहा गया है कि, किसी भी यात्री से डेड माइलेज के लिए शुल्क नहीं लिया जाएगा और किराया केवल बोर्डिंग पॉइंट से उतरने के पॉइंट तक ही लिया जाएगा।

शहर में चल रही ऐप-आधारित टैक्सियों को विनियमित करने और उन पर नज़र रखने के लिए टैक्सी किराए को विनियमित करने से लेकर सवारी रद्द करने पर जुर्माना लगाने तक, चंडीगढ़ प्रशासन ने मोटर वाहन एग्रीगेटर नियम- 2024 (Motor Vehicle Aggregator Rules- 2024) का मसौदा जारी किया। बुधवार को जारी किए गए मसौदा नियमों के अनुसार, चंडीगढ़ प्रशासन ने “इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) और एथेनॉल या मेथनॉल पर चलने वाले वाहनों को परमिट की आवश्यकताओं से छूट देने का फैसला किया है, बशर्ते कि एग्रीगेटर कंपनी द्वारा वाहन का वाणिज्यिक बीमा कराया जाए और प्रदूषण को कम करने के लिए इस उद्देश्य के लिए पंजीकृत किसी भी अन्य औपचारिकता को पूरा किया जाए।

इतना ही नहीं, नियम टैक्सी चालकों के लिए किराए के विनियमन पर भी ध्यान केंद्रित करते हैं। मसौदा नीति के अनुसार, एग्रीगेटर को बेस किराए से 50% कम किराया और बेस किराए से 1.5 गुना अधिक सर्ज प्राइसिंग चार्ज करने की अनुमति होगी। नियमों में कहा गया है कि, किसी भी यात्री से डेड माइलेज के लिए शुल्क नहीं लिया जाएगा (सिवाय इसके कि सवारी का लाभ उठाने की दूरी 3 किमी से कम हो), और किराया केवल बोर्डिंग पॉइंट से उतरने के पॉइंट तक लिया जाएगा।

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