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नर्मदा, 17 जून, गुजरात प्रदेश सहकारिता के गठजोड से किसानों को समृद्शील बनाने के मामले में पूरे देश में एक उदाहरण के तौर पर जाना जाता है। यहां के कॉपरेटिव डेयरी मूवमेंट से प्रेरित होकर देशभर में किसान आत्मनिरभर बन रहे है। अब प्रदेश सरकार ने सहकारिता मूवमेंट के जरिए गन्ना किसानों को उद्यमशील बनाने की पहल शुरु की है। इसी क्रम में गन्ना संभाग में सहकारी मिलों के विस्तारिकरण की प्रक्रिया पर काम हो रहा है। इसी क्रम में प्रदेश के नर्मदा संभाग में सहकारी क्षेत्र का ऐथनॉ़ल संयत्र लगाया गया है। संयत्र का उद्घाटन करने के बाद मीडिया से बात करते हुए उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि नर्मदा जिले में लगा यह प्रदेश का पहला संयत्र है और भविष्य में आठ अन्य चीनी मिलों में भी ऐथनॉल संयत्र लागाए जाएंगे। राजपीपला के निकट धारीखेड़ा में लगे इस संयत्र से स्थानीय किसानों के गन्ना उत्पाद का 100 फीसदी सदुपयोग होगा तो दाम भी मिलेगे वहीं चीनी मिलों को गन्ने से चीनी बनाने के अलावा एथऩॉल बनाकर अतिरिक्त आमदनी अर्जित करने का रास्ता भी साफ होगा।
उप मुख्य़मंत्री ने कहा कि इस संयत्र के शुरु होने से गन्ने के रस से सीधे एथेनॉल का उत्पादन होगा, वो बाजार में बिकेगा औऱ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के विकल्प तैयार होंगे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पैट्रोल के बढ़ते दाम और गन्ना किसानों पर चीनी मिलों के बकाया के चलते बढ़ते दबाव को कम करने एवं मिलों को आर्थिक मजबूती देने के लिए केन्द्र सरकार ने एथनॉल के निर्माण के लिए नई नीति बनाई थी, जिसमें पैट्रोल में 10 प्रतिशत ऐथनॉल मिलाने की मंजूरी दी थी और उसी कार्य योजना के तहत प्रदेश सरकार पहले से एथनॉल संयत्र लगाने के लिए गंभीर थी जिसका आज उद्घाटन हो गया है। इस संयत्र से तैयार एथनॉल को इंधन के रुप में उपयोग होने से य़हां पर भविष्य में पर्यावरण प्रदूषण से निपटने में बडी मदद मिलेगी।
नितिन पटेल ने कहा कि फिलहाल इस संयत्र में प्रतिदिन 45000 लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा लेकिन बाद में जरूरत के हिसाब से उत्पादन क्षमता और बढ़ायी जा सकेगी। यह सयंत्र आधुनिक तकनीक से युक्त है एवं इसमें कम श्रम में अधिक उत्पादन लेने के साथ मानक आधारित गुणवत्तापूर्ण एथनॉल तैयार होगा जो देश में इंधन की बढ़ती ज़रूरतों का बड़ा विकल्प बनेगा।