बिहार: चीनी मिल की जगह सीमेंट उद्योग लगाने का किसानों ने किया विरोध

गया : बिहार राज्य गन्ना किसान मोर्चा के संयोजक अशोक प्रसाद सिंह ने चीनी मिल की जगह सीमेंट उद्योग लगाना किसानों के साथ घोर अन्याय बताया। उन्होंने कहा की, नवादा जिले के वारसलीगंज चीनी मिल को बंद कर सीमेंट उद्योग का मुख्यमंत्री द्वारा शिलान्यास, लोगों के साथ घोर अन्याय है। अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, वारिसलीगंज चीनी मिल परिसर मे कृषि आधारित चीनी उद्योग ही खोला जाए। जिससे प्रदूषण कम होगा, किसानों की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी और लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

मोर्चा के सह संयोजक प्रो डॉ आनंद किशोर ने कहा कि, रीगा चीनी मिल एनसीएलटी में बिक्री पर है। तीन बार का टेंडर राज्य सरकार की उदासीनता के कारण फेल हो चुका है। चौथा टेंडर 1 अगस्त को सार्वजनिक हुआ है।उन्होंने बिहार सरकार से मांग की है कि, सरकार इसमें हस्तक्षेप करें और किसी सक्षम उद्यमी या बिहार में चीनी मिल चला रहे मिल मालिकों में से किसी को आगे लाकर रीगा चीनी मिल को अविलंब चालू किया जाए। उन्होंने कहा, 41 हजार किसानों एवं कामगारों तथा उनके पीछे लाखों उनके आश्रितों का जीवन रक्षा हेतु तथा इलाके का विकास हेतु बिहार सरकार स्वयं रीगा चीनी मिल को चलाना सुनिश्चित करें। किसान हित में बिहार में बंद सभी चीनी, जूट एवं पेपर मिल को पुनः चालू किया जाए।

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