पटना: बिहार में कृषि आधारित उत्पाद पर आधारित उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दूरदर्शी योजना बनाई है। खासकर सरकार ने एथेनॉल उद्योग को बढ़ावा देने कोशिशे तेज कर दी है। समृद्ध जल भंडार और उपलब्ध अनाज के कारण बिहार में एथेनॉल या जैव ईंधन क्रांति संभव हो पाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में एथेनॉल उत्पादन संवर्धन नीति को साल 2021 में मंजूरी दी थी।
पंजाब केसरी में प्रकाशित खबर के अनुसार, एथेनॉल उत्पादन को प्रमोट करने के लिए नीति बनाने वाला देश का पहला राज्य बिहार बन गया। नई नीति से बिहार में एथेनॉल क्रांति का सपना सच होता नजर आ रहा है। बिहार की एथेनॉल उत्पादन संवर्धन नीति,2021 में संयंत्र और मशीनरी की लागत का 15 फीसदी (अधिकतम 5 करोड़ रुपए) तक की अतिरिक्त पूंजी सब्सिडी प्रदान करके नई स्टैंड अलोन एथेनॉल विनिर्माण इकाइयों को बढ़ावा देती है। नई नीति में एससी, एसटी, ईबीसी, महिलाओं, दिव्यांग जन, शहीद सैनिकों की विधवाओं, एसिड अटैक पीड़ितों और थर्ड जेंडर उद्यमियों जैसे विशेष वर्ग के निवेशकों के लिए एक अतिरिक्त सब्सिडी प्रदान करती है। इनके मामले में, संयंत्र और मशीनरी की लागत का 15.75 फीसदी (अधिकतम 5.25 करोड़ रुपए) का पूंजी अनुदान सरकार देगी। नई नीति नए स्टैंड अलोन एथेनॉल इकाइयों के लिए समयबद्ध तरीके से लाइसेंस और मंजूरी जारे करने पर जोर देती है।