भारत में एथेनॉल उत्पादन क्षमता बढ़कर 1,623 करोड़ लीटर हो गई

नई दिल्ली : भारत में एथेनॉल उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है, जिससे देश के समग्र उत्पादन में वृद्धि होने की उम्मीद है। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) के अनुसार, भारत की एथेनॉल उत्पादन क्षमता 2017-18 में 518 करोड़ लीटर से बढ़कर 2023-24 (31 अगस्त 2024 तक) में 1,623 करोड़ लीटर हो गई है, जो हरित भविष्य को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सरकार देश भर में पेट्रोल के साथ एथेनॉल मिश्रित (EBP) कार्यक्रम को लागू कर रही है, जिसके तहत तेल विपणन कंपनियां (OMC) एथेनॉल के साथ मिश्रित पेट्रोल बेचती हैं। सरकार ने इस कार्यक्रम के तहत 2025 तक पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण हासिल करने का लक्ष्य रखा है।

हाल ही में सरकार ने एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2024-25 के दौरान चीनी मिलों और डिस्टिलरी को गन्ने के रस, चीनी सिरप, बी-हैवी मोलासेस और सी-हैवी मोलासेस से एथेनॉल बनाने की अनुमति दी है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने पिछले प्रतिबंध को हटा दिया है और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के स्टॉक से 23 लाख टन चावल को अनाज आधारित एथेनॉल डिस्टिलरी को बेचने की अनुमति दी है। इससे एथेनॉल उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।सरकार का मानना है कि, बढ़ती क्षमता देश की घरेलू एथेनॉल जरूरतों को पूरा करेगी। हालांकि, 20% मिश्रण लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, लगभग 1,016 करोड़ लीटर एथेनॉल की आवश्यकता होगी, जो अन्य उपयोगों को ध्यान में रखते हुए कुल 1,350 करोड़ लीटर होगा। 2025 तक, यह अनुमान है कि लगभग 1,700 करोड़ लीटर की एथेनॉल उत्पादन क्षमता की आवश्यकता होगी, यह मानते हुए कि संयंत्र 80% दक्षता पर काम करते हैं।आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2023 से जुलाई 2024 तक संचयी एथेनॉल मिश्रण 13.3 प्रतिशत रहेगा।

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