उत्तर प्रदेश: पेराई सत्र 2024-25 के लिए गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी

प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व एवं गन्ना किसानों के व्यापक हितों के दृश्टिगत माननीय मंत्री चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी तथा राज्य मंत्री श्री संजय गंगवार द्वारा दिये गये मार्गदर्शन के क्रम में प्रमुख सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, उ.प्र. की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में दिये गये निर्देशों के अनुपालन में आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, उ.प्र. द्वारा पेराई सत्र-2024-25 के लिए गन्ने के सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी कर दी गयी है। गन्ना आपूर्ति नीति के संदर्भ में प्रदेश के गन्ना कृषकों को गन्ने की पर्चियां के निर्गमन सहित आपूर्ति हेतु विस्तृत निर्देश चीनी मिलों को दिये गये हैं। सट्टा एवं आपूर्ति नीति के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए आयुक्त ने बताया कि प्रदेश की चीनी मिलों की पेराई क्षमता, गन्ना किसानों की गन्ना आपूर्ति में सुविधा, गन्ना उत्पादन तथा चीनी मिलों को गन्ने की उपलब्धता में संतुलन बनाये जाने की आवश्यकता है, जिससे चीनी मिलों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप पेराई हेतु गन्ना उपलब्ध हो सके तथा किसानों का समस्त पेराई योग्य गन्ने की आपूर्ति हो सके, इन्हीं तथ्यों का संज्ञान लेते हुए गन्ना विकास विभाग द्वारा जारी पेराई सत्र 2024-25 के लिये सट्टा एवं आपूर्ति नीति में कृषक हितों के दृष्टिगत कई बदलाव किये गये हैं, जिनमें मुख्य रूप से प्रथम बार गन्ना समिति के नये कृशक सदस्यों का सट्टा पेराई सत्र 2023-24 में संबंधित चीनी मिल की औसत गन्ना आपूर्ति अथवा संबंधित जिले की गन्ना उत्पादकता का 65 प्रतिशत, इनमें से जो भी अधिक हो, की सीमा तक गन्ना सट्टा का लाभ दिया जायेगा।

गन्ना किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए गन्ना आयुक्त ने पहली बार नये समिति सदस्यों, जिनके पास पेड़ी अथवा शरदकालीन पौधा है, उनकी पर्चियां 6वें पक्ष में लगायी जायेंगी और जिनके पास पौधा गन्ना है, उनकी पर्चियां 7वें पक्ष में लगायी जायेंगी। गन्ना समिति के 30 सितम्बर, 2024 तक बनाये गये नये सदस्यों द्वारा प्रस्तुत अभिलेखों की जांच कर नियमानुसार सदस्यता दिलाते हुए, उनका सट्टा बनाते हुए 15 नवम्बर तक अंतिम कैलेण्डर लाईव कर दिया जायेगा। गन्ना समितियों के नये सदस्य जो नियमानुसार 30 सितम्बर 2024 तक बनाये जायेगें, उन्हें पेराई सत्र 2024-25 में गन्ना आपूर्ति की सुविधा अनुमन्य होगी, जो नये सदस्य बनाये जायेंगे, उनके भूमि अभिलेखों की पुश्टि राजस्व विभाग की वेबसाइट upbhulekh.gov.in से अनिवार्य रूप से की जायेगी। समिति की सदस्यता प्राप्त करने हेतु एस.जी.के. की वेबसाइट enquiry.caneup.in पर ऑनलाइन आवेदन किये जा सकेंगे।

गन्ना आपूर्ति नीति में छोटे गन्ना किसानों की आपूर्ति के दृश्टिगत 72 कुन्टल तक के सट्टा धारक गन्ना किसानों को छोटे कृशक की श्रेणी में शामिल करते हुए छोटे गन्ना किसानों की पेड़ी गन्ने की पर्चियां 01 से 03 पक्ष में तथा पौधे गन्ने की पर्चियां 07 से 09 पक्ष में जारी की जायेंगी। प्रथम बार अतिलघु गन्ना किसानों, जिनका सट्टा 36 कुन्तल तक है, की पेड़ी गन्ने की पर्चियां प्रथम पक्ष में व पौधे गन्ने की पर्चियां सातवें पक्ष में जारी किये जाने की विशेश सुविधा दिया जाना अनिवार्य किया गया है।

गन्ने की खेती में उत्पादकता बढ़ाने एवं जल संरक्षण की महत्ता को ध्यान में रखते हुए आयुक्त, गन्ना एवं चीनी ने बताया कि ड्रिप इरीगेशन के माध्यम से सिंचाई करने वाले गन्ना कृशकों को अतिरिक्त सट्टे में प्राथमिकता दी गयी है। परन्तु अतिरिक्त सट्टे में अस्वीकृत किस्मों के गन्ने को सम्मिलित नहीं किया जायेगा। पहली बार कृशकों के व्यापक हितों के दृश्टिगत अतिरिक्त बॉन्डिंग पेड़ी एवं शरदकालीन पौधाधारक कृशकां को 6वें पक्ष से अतिरिक्त बान्डिंग की सुविधा दी जायेगी। अतिरिक्त सट्टे (Additional Bonding) की सुविधा गन्ना किसानों को निःशुल्क प्रदान की जायेगी।

आयुक्त ने कहा कि गन्ना शोध परिशद की ओर से जारी गन्ना किस्म परिपक्वता क्रम को ध्यान में रखकर सभी गन्ना कृशकों को सुलभता के साथ सप्लाई हेतु गन्ने की कैलेण्डरिंग की जायेगी, जिसके अनुसार मुख्यतः को.15023 गन्ना प्रजाति को अगेती संवर्ग में परिपक्वता के दृश्टिगत पेड़ी गन्ने की पर्चियां 01 से 02 पक्ष में एवं पौधे गन्ने की पर्चियां 07 से 08 पक्ष में जारी किये जाने की व्यवस्था प्रदान की गयी है।

यह भी उल्लेखनीय है कि सट्टा नीति में पहली बार अभिनव प्रयोग के तहत नई तकनीक का उपयोग करते हुए यांत्रिक गन्ना कटाई (Mechanical Cane Harvesting) की अनुमति प्रदान की गयी है। इसमें जो चीनी मिल अपने क्षेत्र में यांत्रिक गन्ना कटाई को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारम्भ करना चाहती हैं, वह इस संबंध में चीनी मिल यांत्रिक गन्ना कटाई से संबंधित बिन्दुओं यथा-यांत्रिक गन्ना कटाई दर एवं वाह्य सामग्री (Extraneous Material)आदि पर इच्छुक कृशकों से सहमति प्राप्त करने के उपरांत केन इम्प्लीमेन्टेशन कमेटी के विचारार्थ प्रस्ताव प्रस्तुत करेगी, जिस पर केन इम्प्लीमेन्टेशन कमेटी द्वारा संबंधित सहकारी गन्ना विकास समिति के सचिव से आवश्यक विचार-विमर्श कर यांत्रिक गन्ना कटाई के संबंध में निर्णय लिया जायेगा।

अन्त में आयुक्त, गन्ना एवं चीनी ने बताया कि कृषकों को शिकायत निवारण प्रणाली के अन्तर्गत उत्कृष्ट सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से मुख्यालय स्तर पर एक कन्ट्रोल रूम की व्यवस्था की गयी है जिसमें स्थापित टोल फ्री नम्बर 1800-121-3203 पर कृषक सीधे अपनी शिकायतें दर्ज कराकर समाधान करा सकते हैं। गन्ना विकास विभाग पेराई सत्र 2024-25 में चीनी मिलों को समय पर एवं सुचारू रूप से संचालित किये जाने हेतु समुचित व्यवस्था कर रहा है, जिससे गन्ना कृशकों को पेराई सत्र के दौरान आने वाली असुविधाओं का सामना न करना पड़े।

 

 

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