खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग सौ दिवसीय कार्ययोजना के लिए चार स्तंभों पर काम कर रहा है

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) ने वर्त्तमान सरकार के पहले सौ दिनों के दौरान चार प्रमुख स्तंभों पर काम किया है। ये चार स्तंभ हैं- i) डीएफपीडी संचालन का डिजिटलीकरण, ii) पीडीएस में भंडारण का आधुनिकीकरण और रसद को सुव्यवस्थित करना, iii) उचित मूल्य की दुकानों को जन पोषण केंद्रों में बदलना और iv) डीएफपीडी के अंतर्गत संगठनों को संस्थागत रूप से मजबूत करना।

पिछले सौ दिनों में डीएफपीडी ने उपरोक्त सभी स्तंभों के लक्ष्य को हासिल करने में पहले ही बड़ी प्रगति की है। कुछ प्रमुख उपलब्धियाँ और आगे की राह नीचे विस्तार से बताई गई है:

1 . जन पोषण केंद्रों का शुभारंभ: डीएफपीडी ने 20 अगस्त 2024 को 60 उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) को जन पोषण केंद्र (जेपीके) में बदलने के लिए एक पायलट कार्यक्रम शुरू किया। ये जेपीके गैर-पीडीएस वस्तुओं की पेशकश करते हैं, जिसमें पोषण-से भरे वस्तुओं पर विशेष ध्यान दिया जाता है, जो खुले बाजार में उपलब्ध कीमतों के साथ प्रतिस्पर्धी हैं। पायलट कार्यक्रम की परिकल्पना एफपीएस डीलरों को अतिरिक्त राजस्व प्रदान करते हुए लाभार्थियों के बीच पोषण की कमी को पाटने के लिए की गई है। लाभार्थियों को पोषण साक्षरता पर मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए एफपीएस डीलरों को पहले ही पोषण मित्र के रूप में प्रशिक्षित किया जा चुका है। पायलट कार्यक्रम को गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश), जयपुर (राजस्थान), अहमदाबाद (गुजरात) और हैदराबाद (तेलंगाना) में शुरू किया गया था। अगले पांच वर्षों में देश भर में 50 हज़ार एफपीएस को जेपीके में बदलने की योजना है।

2 . मेरा राशन 2.0 एप्लीकेशन: पीएमजीकेएवाई लाभार्थियों को उनके अधिकारों, निकासी, निकटतम एफपीएस और निर्बाध तथा उपयोगकर्ता-केंद्रित अनुभव के लिए नए मूल्यवर्धित सुविधाओं के बारे में वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करने के लिए, डीएफपीडी ने 20 अगस्त 2024 को मेरा राशन 2.0 एप्लीकेशन शुरू किया। इससे डीएफपीडी अधिकारियों को भी राशन कार्ड और पीडीएस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी तक पहुंच होगी। 1 करोड़ से अधिक डाउनलोड पहले ही होचुके हैं।

3.पीएम गति शक्ति का उपयोग कर मार्ग अनुकूलन: दूरी को कम करने के लिए पीडीएस आपूर्ति श्रृंखला का मार्ग अनुकूलन अध्ययन किया जा रहा है। यह अध्ययन गोदामों और एफपीएस के वर्त्तमान बुनियादी ढांचे के अधिकतम उपयोग को सुनिश्चित करता है। इस अभ्यास के कारण 13 राज्यों द्वारा 112 करोड़ रुपये की समेकित वार्षिक बचत की सूचना दी गई है। इससे कार्बन उत्सर्जन को कम करने में भी मदद मिलेगी। गति शक्ति एपीआई के माध्यम से गोदाम से गोदाम और एफपीएस के बीच नई दूरी बनाई जा रही है।

4. गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली (क्यूएमएस): डीएफपीडी और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं को एकीकृत करके एक क्यूएमएस पोर्टल विकसित किया गया है, ताकि वास्तविक समय के आधार पर विभिन्न प्रयोगशाला गतिविधियों की निगरानी की जा सके। लैब परीक्षण परिणामों का वास्तविक समय अपडे , नमूना संग्रह से लेकर परिणाम घोषणा तक की पूरी प्रक्रिया की पता लगाने को सुनिश्चित करेगा। क्यूएमएस को डीएफपीडी ने 20 अगस्त 2024 को शुरू किया था।

5. साइलो का विकास और खाद्यान्नों की बड़ी आवाजाही:

साइलो रेलवे साइडिंग की दक्षता का उपयोग करते हैं, थोक भंडारण और आवाजाही के माध्यम से लागत दक्षता को बढ़ावा देते हैं और लागत कम करते हैं। अब तक कुल 21 दशमलव 75 एलएमटी क्षमता के साइलो कार्यात्मक हैं और 7 दशमलव 5 एलएमटी निर्माणाधीन हैं। सौ दिनों के दौरान 6 स्थानों पर 3 एलएमटी की क्षमता पूरी हो गई है। डीएफपीडी ने हब और स्पोक मॉडल के अंतर्गत 111 दशमलव 125 एलएमटी क्षमता विकसित करने की योजना बनाई है, जिसमें से चरण-I में 34 दशमलव 8 एलएमटी क्षमता के निर्माण के लिए निविदाएं दी गई हैं। विभाग विशेष वैगनों के माध्यम से थोक में खाद्यान्न की आवाजाही की व्यवस्था करने की प्रक्रिया में है, जिसमें टॉप लोडिंग और बॉटम डिस्चार्ज शामिल है, जो रसद लागत को कम करके साइलो के अधिकतम लाभों का दोहन करेगा।

6. क्रेडिट गारंटी योजना: डब्ल्यूडीआरए पंजीकृत गोदामों में संग्रहीत उपज पर किसानों और व्यापारियों को इलेक्ट्रॉनिक नेगोशिएबल वेयरहाउस रसीदों (ई-एनडब्ल्यूआर) पर गिरवी वित्त प्रदान करने के लिए उधारदाताओं के बीच विश्वास पैदा करने के लिए एक क्रेडिट गारंटी योजना (सीजीएस-एनपीएफ) को मंजूरी दी गई है। यह योजना उधार जोखिम के साथ-साथ गोदामकर्मियों के जोखिम को भी कवर करती है और ई-एनडब्ल्यूआर के माध्यम से फसल के बाद वित्त बढ़ाने के लिए गोदामकर्मियों पर विश्वास में बढ़ोतरी करती है। इस योजना से अगले 10 वर्षों के दौरान प्रतिज्ञा वित्त को वर्तमान स्तर 3 हज़ार 962 करोड़ रुपये से बढ़ाकर एक लाख पांच हज़ार करोड़ रुपये करने की उम्मीद है।

7. एनएफएसए (एससीएएन 2.0) पोर्टल के लिए सब्सिडी दावा आवेदन का विकास: राज्यों द्वारा सब्सिडी दावों को प्रस्तुत करने, दावों की जांच और डीएफपीडी द्वारा अनुमोदन के लिए एकल खिड़की प्रदान करने तथा निपटान प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए, डीएफपीडी ने एससीएएन 2.0 पोर्टल विकसित किया है। यह पोर्टल नियम-आधारित प्रसंस्करण का उपयोग करके खाद्य सब्सिडी जारी करने और निपटान के लिए सभी प्रक्रियाओं के शुरू से अंत तक कार्य प्रगति के स्वचालन को सुनिश्चित करेगा।

8. श्री अन्न की रिकॉर्ड खरीद: भारत सरकार लक्षित सार्वजनिक वितरण और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत इसके वितरण के माध्यम से लाभार्थियों के पोषण सुरक्षा में सुधार करने के लिए मोटे अनाज (श्री अन्न) की खरीद को बढ़ावा देती है। केएमएस 2023-24 के दौरान की गई कुल मोटे अनाज की खरीद 12 दशमलव 49 एलएमटी है, जो केएमएस 2022-23 की तुलना में 170 प्रतिशत अधिक है। यह पिछले 10 वर्षों में सबसे अधिक मोटे अनाज की खरीद है।

केएमएस 2024-25 (खरीफ फसल) के दौरान राज्यों द्वारा 19 दशमलव 03 एलएमटी मोटे अनाज (श्री अन्न) की खरीद की उम्मीद है।

9. ईबीपी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इथेनॉल उत्पादन क्षमता में वृद्धि: इथेनॉल उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 1,623 करोड़ लीटर तक पहुंच गई है। इस प्रकार कुल क्षमता को बढ़ाकर 1,600 करोड़ लीटर करने का 100 दिन का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। वर्तमान इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2023-24 (नवंबर-अक्टूबर) में 13 दशमलव 59 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण प्राप्त किया गया है, जिसमें 31 अगस्त 2024 तक लगभग 545 करोड़ 5 लाख लीटर इथेनॉल मिश्रित किया गया है।

10 आधुनिक वीडियो निगरानी प्रणाली: डीएफपीडी ने अधिक पारदर्शिता लाने के लिए एफसीआई डिपो में आधुनिक वीडियो निगरानी प्रणाली स्थापित करने की पहल की है। इसका उद्देश्य एक एकीकृत प्रणाली बनाना है, जिससे निगरानी के मानक में बढ़ोतरी होगी, गोदाम प्रबंधन प्रथाओं में निरीक्षण होगा, सहयोग के अधिक स्तर (विशेष रूप से विभिन्न लाइन विभागों के बीच), निगरानी मॉडल में नवाचार, स्केलेबल समाधान और एफसीआई के लिए अपनी आपूर्ति श्रृंखला का प्रबंधन करने के लिए अधिक सुरक्षित आधार होगा।

कुल मिलाकर डीएफपीडी ने पहले सौ दिनों के भीतर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इन पहलों से खाद्य सुरक्षा में सुधार, पीडीएस संचालन की दक्षता में वृद्धि और लाभार्थियों को सशक्त बनाने की उम्मीद है।

(Source: PIB)

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