जालंधर : भोगपुर सहकारी चीनी मिल अपनी चल रही फसल अवशेष प्रबंधन पहल के तहत इस साल करीब 70,000 मीट्रिक टन पराली खरीदने की तैयारी कर रही है। डीसी हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि, मिल ने 80 टन प्रति घंटा (टीपीएच) बॉयलर के साथ ही 15 मेगावाट क्षमता वाला सह-उत्पादन संयंत्र भी स्थापित किया है। पिछले साल (2023-24) में मिल ने सफलतापूर्वक 60,000 मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदा और 22,376.6 मेगावाट बिजली पैदा की।इस पहल ने न केवल जिले में पराली जलाने की समस्या को कम करने में मदद की, बल्कि सतत ऊर्जा उत्पादन में भी योगदान दिया। अग्रवाल ने आगे बताया कि, मिल ने स्थानीय खेतों से 1,750 रुपये प्रति टन की दर से पराली खरीदी, जिससे कचरे से धन पैदा हुआ और साथ ही किसानों की आय में वृद्धि हुई और क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा हुए।
मिल ने 16 सितंबर, 2024 को फिर से काम शुरू किया है, इसलिए इसका लक्ष्य चालू वर्ष (2024-25) के दौरान लगभग 70,000 मीट्रिक टन पराली खरीदना है। अग्रवाल ने इस बात पर जोर दिया कि फसल अवशेषों के प्रबंधन और पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को कम करने में मिल का योगदान महत्वपूर्ण है। इस पहल से पर्यावरण और स्थानीय कृषक समुदाय दोनों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि, भोगपुर चीनी मिल के प्रयासों ने जिले में प्रमुख पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करते हुए फसल अवशेष प्रबंधन के लिए एक स्थायी दृष्टिकोण को रेखांकित किया है। पर्यावरण इंजीनियर संदीप कुमार ने कहा कि जो किसान अपनी पराली चीनी मिल को बेचना चाहते हैं, वे 7888590170 और 9877556394 पर डायल कर सकते हैं।