मोरिंडा : शुगरफेड की प्रबंध निदेशक डॉ. सेनू दुग्गल ने सहकारी चीनी मिल मोरिंडा में गन्ना पेराई सत्र की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि, मिल के खर्चों को कम करते हुए मिल को लाभदायक बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। प्रबंध निदेशक ने प्लांट का दौरा किया और कर्मचारियों और अधिकारियों को निर्देश दिए कि,अगले पेराई सत्र के लिए प्लांट को पूरी तरह से तैयार किया जाए।मिल की मरम्मत और रखरखाव तकनीकी मानदंडों के अनुसार किया जाना चाहिए, ताकि समय पर गन्ना पेराई सुनिश्चित की जा सके।
डॉ. सेनू दुग्गल ने कहा कि, क्षेत्र के किसानों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं आनी चाहिए। चीनी का उत्पादन बहुत साफ-सुथरे तरीके से किया जाना चाहिए ताकि मिल द्वारा बेहतरीन गुणवत्ता वाली चीनी का उत्पादन किया जा सके। उन्होंने बताया कि, चीनी मिल मोरिंडा के अंतर्गत पिछले वर्ष के 5824 हेक्टेयर से इस वर्ष गन्ने का रकबा बढ़कर 6819 हेक्टेयर हो गया है तथा मिल ने पेराई सत्र 2024-25 के दौरान 28 लाख क्विंटल से अधिक पेराई करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने मिल के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मिल में गन्ना लाने वाले किसानों के लिए किसान विश्राम घर में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि गन्ना आपूर्ति के लिए कैलेंडर के अनुसार ही पर्ची जारी की जाए ताकि मिल के सभी लक्ष्य पूरे किए जा सकें।
उन्होंने कहा कि, वे राज्य की सभी सहकारी चीनी मिलों का दौरा करेंगी ताकि कामकाज को और सुचारू बनाया जा सके। बारह में से नौ कार्यशील सहकारी चीनी मिलें अजनाला, बटाला, भोगपुर, बुधेवाल, फाजिल्का, गुरदासपुर, मोरिंडा, नकोदर और नवांशहर में स्थित हैं, जिनकी पेराई क्षमता 17750 टीसीडी है और तीन चीनी मिलें पटियाला, तरनतारन और जीरा में बंद पड़ी हैं। राज्य में 1.80 लाख किसान परिवार चीनी मिलों से जुड़े हुए हैं। पंजाब सहकारी चीनी मिलों की विशेषताओं की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी मिलें किसानों को रोग मुक्त बीज, कीट नियंत्रण प्रबंधन, उनकी उपज की समय पर खरीद और उन्हें समय पर भुगतान जैसी गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान कर रही हैं ताकि उन्हें राज्य में अधिक गुणवत्तापूर्ण गन्ना उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।