रायपुर: अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ भी देश का एक प्रमुख एथेनॉल उत्पादक राज्य बनने की राह पर है। केंद्र सरकार के साथ साथ राज्य सरकार ने प्रदेश में एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा दिया है। प्रदेश के बेमेतरा में लगभग 11 एथेनॉल प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई गई है। यह प्लांट स्थापित होने के बाद हजारों लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। इनमें से तीन एथेनॉल फैक्ट्री का काम शुरू हो गया है। नवंबर से पथर्रा के एथेनॉल प्लांट में उत्पादन भी शुरू हो जाएगा।
हरिभूमि में प्रकाशित खबर के अनुसार, इन परियोजनाओं से न सिर्फ हजारों स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खुलेंगे, बल्कि पराली जलाने और धान खरीदी के बाद चावल उठाव की समस्या का भी ठोस निराकरण होगा। बेमेतरा के पथर्रा और रांका गांव में एथेनॉल प्लांट का काम तेजी से चल रहा है। पथर्रा गांव में फैक्ट्री का काम 90 फीसदी से अधिक पूरा हो चुका है। पथर्रा में लग रहे प्लांट में उच्च तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। और साथ ही डाइजेस्टर सिस्टम स्थापित किया गया है।
प्लांट के डायरेक्टर रोहित सचदेव ने ‘हरिभूमि’ को बताया कि, इस सिस्टम की जैविक प्रणाली गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को पचा लेती है और इससे साफ पानी निकलता है। यह पानी फिर से उपयोग के लायक होता है। इस तरह प्लांट और आसपास दुर्गंध नहीं होगा। जो पानी निकलेगा उसका उपयोग राख को बुझाने के लिए फैक्ट्री में ही किया जाएगा। जिले के कलेक्टर रणबीर शर्मा ने बताया कि, बेमेतरा में 3 एथेनॉल प्लांट का काम तेजी से चल रहा है। एक प्लांट के लगने से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 500 लोगों को रोजगार मिलता है। इस तरह हजारों लोगों को इन उद्योगों से रोजगार मिलेगा।
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