कोइम्बतुर : पर्यटन और पर्यटन विकास निगम, चीनी, गन्ना उत्पाद शुल्क और गन्ना विकास मंत्री आर. राजेंद्रन ने रविवार को कहा कि, नमक्कल जिले के मोहनुर में सलेम सहकारी चीनी मिल का नाम बदलने के लिए कदम उठाए गए हैं। सलेम सहकारी चीनी मिल का निरीक्षण करने वाले मंत्री ने गन्ना किसानों, मजदूरों और चीनी मिल प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।मंत्री राजेंद्रन ने कहा कि, किसानों ने मिल का नाम बदलकर मोहनुर सहकारी चीनी मिल करने की मांग की थी और इस मुद्दे को हल करने के लिए कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा, राज्य में 40 चीनी मिलें हैं, जिसमे 16 सहकारी चीनी मिलें, दो सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलें और 22 निजी मिलें है। वर्ष 2022-23 और 2023-24 में 10,480 गन्ना किसानों को 8.40 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिली। वर्ष 2024-25 में 7.91 करोड़ रुपये वितरित किए जाएंगे। ड्रिप सिंचाई स्थापित करने के लिए सूक्ष्म और लघु गन्ना किसानों को 100% और अन्य किसानों को 75% सब्सिडी प्रदान की गई। ड्रिप सिंचाई के लिए उपकरण खरीदने के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत धनराशि को 32,715 रुपये से बढ़ाकर 43,534 रुपये कर दिया गया।
मंत्री राजेंद्रन ने कहा, वर्ष 2023-24 में 1,432 हेक्टेयर में ड्रिप सिंचाई स्थापित करके कुल 1,335 किसानों को लाभ मिला। चीनी मिलों को स्वीकृत धनराशि के बारे में बताते हुए श्री राजेंद्रन ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में किसानों को भुगतान करने, मिल श्रमिकों को वेतन देने और रखरखाव कार्यों के लिए चीनी मिलों को 694.37 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान किया गया। इसी तरह गन्ना किसानों को तीन साल में प्रोत्साहन के तौर पर 775 करोड़ रुपए दिए गए। 2023-24 में कम लागत पर गन्ना कटाई के लिए 119 गन्ना कटाई मशीनें उपलब्ध कराई गईं। उन्होंने कहा कि, सलेम सहकारी मिल में प्रतिदिन 25,000 से 28,000 लीटर एथेनॉल का उत्पादन होता है।