सुनिश्चित करें कि भारत के प्रत्येक नागरिक को सुरक्षित, विश्वसनीय और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवाओं तक पहुंच प्राप्त हो: प्रल्हाद जोशी

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रहलाद जोशी ने आज नई दिल्ली में विश्व मानक दिवस के मौके पर अपने मुख्य संबोधन के दौरान कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत के प्रत्येक नागरिक को सुरक्षित, विश्वसनीय और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवाओं तक पहुंच प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं की भलाई गुणवत्तापूर्ण उत्पादों तक पहुंच पर निर्भर करती है जबकि उद्योग की वृद्धि और लाभ सीधे तौर पर इन उच्च गुणवत्ता वाले सामानों की मांग से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह एक समग्र दृष्टिकोण है जो उपभोक्ताओं और उत्पादकों की आपसी निर्भरता को बताता है और मजबूत एवं गुणवत्ता वाले इकोसिस्टम को बढ़ावा देता है।

श्री जोशी ने देश को उसकी उत्कृष्टता के लिए पहचान दिलाने और भारत को वैश्विक मानकों के साथ खुद को जोड़ने के प्रयास के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बीआईएस को गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि वैश्विक व्यापार में योगदान के साथ भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, ‘मेड इन इंडिया’ लेबल को बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर ब्रांड इंडिया को स्थापित करने में बीआईएस की बहुत बड़ी भूमिका है।

श्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में, नया बीआईएस अधिनियम 2016 व्यापार करने में आसानी को और मजबूत करेगा और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को गति देगा। उत्पादों के मानकीकरण में बीआईएस के अथक प्रयासों की सराहना करते हुए, श्री जोशी ने कहा कि आज 22,300 से अधिक मानक लागू हैं और 94 प्रतिशत भारतीय मानकों को आईएसओ और आईएसई मानकों के साथ सुसंगत बनाया जा रहा है। श्री जोशी ने उल्लेख किया कि आज 732 उत्पादों में से 174 क्यूसीओ को अनिवार्य बीआईएस प्रमाणन के लिए अधिसूचित किया गया है, जबकि 2014 तक 106 उत्पादों के लिए केवल 14 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) थे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं के सशक्तिकरण के लिए मानकों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना जरूरी है। श्री जोशी ने कहा कि सरकार के लिए चुनौती बीआईएस द्वारा शुरू किए गए गुणवत्ता कार्यक्रमों में नागरिकों के बीच व्यापक रुचि और जागरूकता पैदा करना है। उन्होंने कहा कि हमें एक ऐसा मानक स्थापित करना होगा, जहां उपभोक्ताओं को किसी भी उत्पाद को खरीदने से पहले आईएसआई और बीआईएस प्रमाणीकरण सत्यापित करने के लिए जागरूक किया जाए, यह हमारे लिए एक चुनौती है।

श्री जोशी ने कहा कि भारत, जो वर्तमान में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, को मानकों में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए क्योंकि वे समाज की रीढ़ के रूप में कार्य करते हैं जो उत्पादों और सेवाओं में सुरक्षा, गुणवत्ता सुनिश्चित करते हैं और विश्वास सुनिश्चित करते हैं। मानक तकनीकी प्रगति, औद्योगिक विकास और समाज के कल्याण के लिए मुख्य स्रोत के रूप में कार्य करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार दोनों को सुविधाजनक बनाते हैं और आर्थिक विकास और पर्यावरणीय स्थिरता दोनों में योगदान करते हैं।

(Source: PIB)

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