केंद्र सरकार पंजाब में धान की खरीद के लिए पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित कर रही है

केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री श्री प्रहलाद जोशी ने पंजाब के मुख्यमंत्री से मुलाकात की और कई मुद्दों पर चर्चा की

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री ने आज यहां पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात की और पंजाब में केएमएस 2024-25 में चल रही धान खरीद से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। पंजाब में धान की खरीद 1 अक्टूबर, 2024 से शुरू हो गई है और यह सुचारू रूप से चल रही है।

पिछले वर्ष खरीफ विपणन सीजन 2023-24 में पंजाब से 124.14 लाख मीट्रिक टन चावल की खरीद का अनुमान लगाया गया था, जिसे 100% हासिल किया गया। इस वर्ष खरीफ विपणन सीजन 2024-25 के लिए भारत सरकार ने पहले ही पंजाब से 124 लाख टन चावल की अनुमानित खरीद को मंजूरी दे दी है, जो 185 लाख टन धान के बराबर है और भारत सरकार बिना किसी प्रतिबंध के राज्य से इसकी खरीद कर रही है।

इस वर्ष धान की खरीद के लिए पंजाब में 2200 से अधिक मंडियां कार्यरत हैं और 13.10.2024 तक लगभग 7.0 लाख टन धान की कुल आवक में से लगभग 6.0 लाख टन की खरीद पहले ही केंद्रीय पूल के लिए की जा चुकी है। धान की खरीद 30.11.2024 तक सामान्य रूप से जारी रहेगी।

धान की खरीद के सुचारू संचालन में किसी भी तरह की कठिनाई से बचने के लिए पर्याप्त भंडारण व्यवस्था की गई है। सीएमआर (कस्टम मिल्ड राइस) की आमद को समायोजित करने के लिए, दिसंबर 2024 तक पंजाब में उपलब्ध कवर्ड गोदामों से गेहूं के साथ-साथ चावल के पिछले स्टॉक को समाप्त करके लगभग 40 लाख टन भंडारण स्थान उपलब्ध कराने के लिए एक विस्तृत योजना पहले ही तैयार की जा चुकी है।

खरीद कार्यों के दौरान किसानों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए किसानों का ऑनलाइन पंजीकरण, भूमि अभिलेखों का एकीकरण, डिजिटल खरीद संचालन और एमएसपी भुगतान के ऑनलाइन हस्तांतरण सहित पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई हैं। किसानों को एमएसपी का पूरा भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में, आमतौर पर 48 घंटों के भीतर सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई है।

कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई, जिनमें धान की खरीद पर आयोग की दरों की समीक्षा, विंग्स पोर्टल को अपडेट करना और धान से चावल का आउट टर्न रेशियो (ओटीआर) शामिल है। मिल मालिकों द्वारा वहन किए जा रहे अतिरिक्त परिवहन शुल्क के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। यह आश्वासन दिया गया कि इस पर सकारात्मक रूप से विचार किया जाएगा और इसका समाधान किया जाएगा।

कमीशन शुल्क की दरों में संशोधन पर सरकार सक्रिय रूप से विचार कर रही है और इस मामले में जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। आईआईटी खड़गपुर में धान की ओटीआर और ड्रिएज पर अध्ययन चल रहा है।

विंग्स (वेयरहाउस इन्वेंटरी नेटवर्क एवं गवर्निंग सिस्टम) पोर्टल पर डेटा/फील्ड को अपडेट किया गया है तथा अब सभी हितधारकों के लिए इसकी दृश्यता उपलब्ध है।

(Source: PIB)

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