छत्रपति संभाजीनगर: राज्य में अक्टूबर में गन्ना पेराई सत्र शुरू होता है। इस साल 15 नवंबर को पेराई सीजन शुरू करने का फैसला लिया गया है। मराठवाड़ा, विदर्भ और खानदेश से लगभग 12 लाख से 15 लाख गन्ना मजदूर इस काम के लिए राज्य के अन्य हिस्सों या अन्य राज्यों में चले गए हैं। इसी अवधि में राज्य में विधानसभा के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा।
बॉम्बे उच्च न्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई थी, जिसमें यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए जाने का अनुरोध किया गया था कि उपरोक्त प्रवासी मजदूर विधानसभा में मतदान से वंचित न हों। मामले की सुनवाई 11 नवंबर को न्यायमूर्ति मंगेश पाटिल और न्यायमूर्ति शैलेश ब्रह्मे की पीठ के समक्ष होगी।
महाराष्ट्र श्रमिक ऊसतोड़और वाहक कामगार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जीवन हरिभाऊ राठौड़ ने अधिवक्ता देवीदास शेळके और अधिवक्ता सुनील राठौड़ के माध्यम से एक जनहित याचिका दायर की है, ताकि प्रवासी श्रमिकों को उनके संवैधानिक मतदान के अधिकार से वंचित न किया जाए और उन्हें अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाया जाए। इस याचिका में राज्य के मुख्य सचिव, केंद्रीय चुनाव आयोग, राज्य चुनाव आयोग, महाराष्ट्र राज्य साखर संघ, चीनी आयुक्त और गोपीनाथ मुंडे ऊसतोड़ कामगार कल्याण महामंडळ को प्रतिवादी बनाया गया है।
चीनी उद्योग पर अधिक जानकारी और अपडेट के लिए, Chinimandi.com पढ़ते रहें।