भविष्य में कोई चुनाव नहीं लड़ना चाहता: शरद पवार

बारामती (महाराष्ट्र) : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एससीपी) के सुप्रीमो शरद पवार ने मंगलवार को एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि, अब उनका भविष्य में कोई चुनाव लड़ने का इरादा नहीं है, क्योंकि राज्यसभा में उनका कार्यकाल समाप्त होने वाला है।शरद पवार ने कहा, मैंने 14 बार चुनाव लड़ा है, और राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने के बाद मैं सोचूंगा कि मुझे अपने संसदीय पद से अलग होना चाहिए या नहीं। एनसीपी (एसपी) प्रमुख अपने पोते युगेंद्र पवार के चुनाव प्रचार के लिए बारामती दौरे पर थे। तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके पवार ने नई पीढ़ी को जिम्मेदारी सौंपने की जरूरत पर जोर दिया, साथ ही कहा कि लोगों की सेवा जारी रखने के लिए उन्हें कोई चुनाव जीतने की जरूरत नहीं है।

एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए पवार ने अपने संसदीय पद से अलग होने पर जोर दिया और कहा, मैं सत्ता में नहीं हूं। मैं राज्यसभा में हूं और आखिरी डेढ़ साल बाकी है। मैं 14 चुनाव लड़ चुका हूं, और कितने लड़ूंगा? अब मुझे लगता है कि नई पीढ़ी को मौका दिया जाना चाहिए। मैं सामाजिक कार्य करता रहूंगा, खासकर ग्रामीण और पिछड़े इलाकों, आदिवासियों के लिए। इस काम को जारी रखने के लिए मुझे किसी चुनाव की जरूरत नहीं है। मैं लोकसभा नहीं लड़ूंगा। मैं कोई चुनाव नहीं लड़ूंगा। अब तक मैंने 14 चुनाव लड़े हैं और आप लोगों ने मुझे कभी किसी चुनाव में घर नहीं जाने दिया। हर बार आपने मुझे चुनाव जिताया है, इसलिए मुझे कहीं रुक जाना चाहिए। नई पीढ़ी को लाना चाहिए। मैंने सामाजिक कार्य नहीं छोड़ा है, मुझे सत्ता नहीं चाहिए, लेकिन मैंने लोगों की सेवा करना नहीं छोड़ा है।

पवार का राज्यसभा कार्यकाल वर्ष 2026 में पूरा होगा। अपने राजनीतिक कार्यकाल को याद करते हुए पवार ने कहा, 30 साल पहले मैंने सिर्फ राष्ट्रीय राजनीति करने का फैसला किया और राज्य की सारी जिम्मेदारी अजित पवार को दे दी और करीब 25 से 30 साल तक राज्य की जिम्मेदारी उन्हीं के पास रही। अब अगले 30 साल के लिए व्यवस्था करनी है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि कई बड़ी परियोजनाएं जो महाराष्ट्र में आनी चाहिए थीं, उन्हें गुजरात ले जाया गया है।

पवार ने कहा, सत्ता में बैठे लोगों का ध्यान अब राज्य पर नहीं है। जब मैं सत्ता में था, तो मैंने पुणे के विकास पर विचार किया। मुझे पता था कि केवल कृषि ही पर्याप्त नहीं होगी। मुझे नहीं पता कि इस सरकार ने क्या जादू किया है। टाटा एयरबस फैक्ट्री जो नागपुर में होनी थी, उसे गुजरात ले जाया गया। एक सेमीकंडक्टर फैक्ट्री, वेदांता फॉक्सकॉन भी गुजरात चली गई।उन्होंने कहा, सरकार को बदलने की जरूरत है। सत्ता में बदलाव के बिना कोई विकल्प नहीं है। हमें एक ऐसे प्रतिनिधि की जरूरत है जो अधिक रोजगार के अवसर पैदा करे।

बारामती, जो पवार परिवार का पुराना गढ़ है, एक बार फिर पारिवारिक लड़ाई का गवाह बनेगा क्योंकि सात बार के विधायक अजित पवार अपने भतीजे युगेंद्र पवार का सामना करेंगे। इस हाई-प्रोफाइल सीट पर इस साल दूसरी बार पवार बनाम पवार मुकाबला देखने को मिलेगा, क्योंकि अजित ने 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ मैदान में उतारा है। विधानसभा चुनाव में चाचा अजित पवार और भतीजे युगेंद्र पवार आमने-सामने होंगे। बारामती में आगामी चुनाव की तैयारियां तेज कर दी गई हैं। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को एक ही चरण में चुनाव होंगे और 23 नवंबर को मतगणना होगी।

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