प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में गन्ना पेराई सीजन का आगाज़ हो गया है, और साथ ही क्रय केंद्रों से जुडा क़ानूनी मामला सामने आया है। टीवी 9 भारतवर्ष में प्रकाशित खबर के अनुसार, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के गन्ना आयुक्त प्रभुनारायण सिंह को नोटिस जारी किया है। साथ ही उन्हें 29 नवंबर तक गन्ना क्रय केंद्रों से जुड़ी समस्याओं पर हलफनामे के साथ जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। यह आदेश कुशीनगर के राकेश कुमार सिंह और अन्य किसानों की अवमानना याचिका पर दिया गया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों ने गन्ना क्रय केंद्रों की अव्यवस्थाओं के खिलाफ गन्ना आयुक्त को पत्र लिखा था, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला। इस पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। याची के वकीलों ने दलील दी कि आवंटित गन्ना, क्रय केंद्र की क्षमता से अधिक है। इससे किसानों के गन्ना की तौल कई दिनों तक नहीं हो पाती है। इससे गन्ना सूख जाता है और किसानों का नुकसान होता है। साथ ही गांव के ट्रांसपोर्टर के चलते भी नुकसान होता है। न्यायालय ने 16 अक्टूबर 2023 के आदेश से गन्ना आयुक्त को याचीगण का प्रत्यावेदन तय करने का निर्देश दिया था। जिसका पालन नहीं किया गया। जिस पर यह अवमानना का वाद दाखिल किया है।
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