महाराष्ट्र के किसान कर्नाटक की मिलों को गन्ना आपूर्ति करने से पहले सोच विचार करें: स्वाभिमानी शेतकरी संगठन

कोल्हापुर: स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के जिला उपाध्यक्ष प्रो. दीपक पाटिल ने कहा की, कर्नाटक में चीनी मिलें शुरू हो गई है। हालाँकि, कर्नाटक की चीनी मिलें कोल्हापुर जिले की चीनी मिलों की तुलना में कम दरें देती हैं और उनके वजन में भी कोई पारदर्शिता नहीं होती है। कर्नाटक की मिलों द्वारा पहली किस्त चुकाने के बाद आप दूसरी किस्त नहीं मांग सकते उन्होंने कहा, चंदगड, आजरा, गडहिंग्लज तालुका के किसानों को कर्नाटक की मिलों को गन्ना आपूर्ति करने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।

महाराष्ट्र में गन्ने की कटाई का मौसम 15 नवंबर से शुरू होगा। लेकिन कर्नाटक में पेराई मौसम की शुरुआत होई चुकी है।कर्नाटक की चीनी मिलों के कटाई मजदूर चंदगड, आजरा, गडहिंग्लज क्षेत्रों में आ रहे है। उन्होंने गन्ना काटना शुरू कर दिया है।पाटिल ने कहा कि, कर्नाटक की चीनी मिलों से दरों की मांग करते समय मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।उपज को सही दाम न मिलने से किसानों को आर्थिक नुकसान होता है। इसे ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र के किसानों को अधिक कीमत देने वाली फैक्ट्री को ही गन्ना आपूर्ति करनी चाहिए।

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