लखीमपुर खीरी: प्रदेश में पूरे जोर शोर से पेराई सीजन शुरू हो गया है, लेकिन किसान गन्ना छिलाई के लिए मजदूर न मिलने से परेशान हो गए है। छिलाई समय पर नहीं होने से किसान समय पर पेराई के लिए गन्ना नहीं भेज पा रहे है। साथ ही पर्चियां भी खराब हो रही है। हिंदुस्तान में प्रकशित खबर के अनुसार, मुंह मांगे दाम देने के बावजूद भी गन्ना छिलाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। जिससे किसानों की पर्चिया लगातार खराब होती जा रही हैं। छिलाई कराने के लिए 70 से 80 रूपये प्रति क्विंटल पैसे देना पड़ रहे हैं।
लखीमपुरखीरी जिले में गन्ने की खेती बड़े पैमाने पर होती है। मौजूदा समय में गन्ने की छिलाई के लिए मजदूरी बेतहाशा बढ़ गई है। करीब दस साल पहले तक गन्ने की छिलाई के लिए लोग खुद ही खेतों में पहुंच जाते थे। छीले गए गन्ना में से अगोला खुद ले जाते थे और आधा अगोला खेत मालिक के लिए छोड़ जाते थे। तब पशुओं के चारे की समस्या रहती थी। गन्ने की छिलाई से मिले अगोला से पशुओं को खिलाने को चारा हो जाता था। पर अब हालात बदले हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं की संख्या में भारी कमी आई है। अब काम के बदले पैसा चाहिए।किसान गौरव शुक्ला, जसपाल सिंह, छेदा लाल राठौर बताते हैं कि, अब तो चार सौ रुपए मजदूरी लेने के बाद भी लेबर नहीं मिल रहे है।