लखनऊः प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी ने अवगत कराया कि चालू पेराई सत्र 2024-25 में प्रदेश के गन्ना कृषकों को गन्ना पर्चियां SMS पर्ची के रूप में उनके मोबाइल फोन पर प्रेषित की जा रही है। इसलिए यह आवश्यक है कि एस.जी.के. पर गन्ना कृषकों का सही मोबाइल नंबर पंजीकृत हो। अतः कृषक बन्धुओं से अपील है कि वे स्मार्ट गन्ना किसान (SGK) पर पंजीकृत अपने मोबाइल नंबर की जांच कर लें, यदि नम्बर गलत है तो अपने गन्ना पर्यवेक्षक के माध्यम से सही मोबाइल नंबर अपडेट करा लें।
उन्होने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि विभाग द्वारा किसानों को गन्ना आपूर्ति हेतु उनके मोबाइल पर प्रेषित की जाने वाली एस.एम.एस. गन्ना पर्चियों की डिलीवरी कम हो रही है, जिसका प्रमुख कारण पंजीकृत मोबाइल नेटवर्क क्षेत्र में उपलब्ध न होने, SMS इनबॉक्स भरा होने, मोबाइल रिचार्ज न होने, मोबाइल स्विच ऑफ होने, डी.एन.डी. एक्टिवेट होने एवं काल बार्ड लगे होने की स्थिति में SMS पर्ची का संदेश 02 घंटे के पश्चात स्वतः निरस्त हो जाता है। जिसके कारण किसानों को अपनी पर्ची की जानकारी प्राप्त नहीं हो पाती है। इस तकनीकी समस्या के निवारण के लिये अनिवार्य है कि सभी किसान भाई SMS पर्ची प्राप्त करने के लिये अपने मोबाइल नेटवर्क क्षेत्र में रहें, मोबाइल को रिचार्ज रखें, काल बार्ड का विकल्प न चुनें, अपने मोबाइल का एस.एम.एस. इनबॉक्स खाली रखें, मोबाइल को चार्ज करके सदैव चालू दशा में रखें तथा डी.एन.डी. सर्विस को एक्टिवेट न करें, ताकि सर्वर द्वारा प्रेषित SMS गन्ना पर्ची उनके मोबाइल पर उन्हें रियल टाइम में प्राप्त हो जाए। पर्ची निर्गमन की यह व्यवस्था पूर्णतया पारदर्शी है। इस व्यवस्था में किसानों के मोबाइल नंबर पर SMS पर्ची भेजे जाने से किसान को तत्काल पर्ची प्राप्त होगी और समय से पर्ची मिल जाने के कारण ताजे गन्ने की आपूर्ति के साथ-साथ किसान गन्ने की सूख से होने वाली हानि से भी बच पाएंगे।
आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, उ.प्र. ने सभी परिक्षेत्रीय अधिकारियों एवं जिला गन्ना अधिकारियों को भी निर्देशित किया है कि वह इसका व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करते हुए एक अभियान चलाकर सभी गन्ना किसानों के सही मोबाइल नंबर अपडेट कराने के साथ ही लगातार कृषकों को जागरूक करें, ताकि कृषकों को गन्ना आपूर्ति में कोई असुविधा न हो।