आगरा: भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गन्ने की कीमतें बढ़ाने में विफल रहने और उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के निजीकरण की योजना के लिए भाजपा सरकार की आलोचना की। उन्होंने गन्ने की कीमतों को मौजूदा 370 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 450 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि, बढ़ती महंगाई के सामने किसानों की उपेक्षा की जा रही है। टिकैत ने सवाल किया, गन्ने की कीमत क्यों नहीं बढ़ाई जा रही है?
उन्होंने कहा, हर साल महंगाई बढ़ती है, भत्ते बढ़ते हैं, लेकिन फसल की कीमतें स्थिर रहती हैं। पूंजीपतियों ने राजनीतिक व्यवस्था पर नियंत्रण कर लिया है और इसे अपने हितों की पूर्ति के लिए चला रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि, किसानों की आजीविका की रक्षा के लिए स्वामीनाथन समिति द्वारा अनुशंसित उचित मूल्य निर्धारण आवश्यक है। टिकैत ने अन्य फसलों की खेती करने वाले किसानों के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून को लागू करने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा, गलत नीतियों के कारण किसान कर्ज में डूब रहे हैं और यह कर्ज पूरी तरह माफ किया जाना चाहिए। यूपीपीसीएल के तहत बिजली वितरण का निजीकरण करने के यूपी सरकार के फैसले पर उन्होंने कहा, निजीकरण से उपभोक्ताओं और श्रमिकों पर अनुचित दबाव पड़ेगा। वित्तीय कुप्रबंधन को दूर करने के बजाय सरकार बोझ को जनता पर डाल रही है।