भोपाल : पत्रिका में प्रकाशित खबर के अनुसार, नर्मदापुरम संभागीय मुख्यालय पर इस माह रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव प्रस्तावित है। इसमें देशभर के 4 हजार से ज्यादा उद्योगपति शामिल होंगे। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से नर्मदापुरम, बैतूल और हरदा जिले में नए उद्योगों की स्थापना की आस है। बैतूल जिले के किसान जिले में एथेनॉल की फैक्ट्री के लिए निवेश की राह तक रहे हैं। जिले में प्रचुर मात्रा में गन्ना उत्पादन को देखते हुए एथेनॉल के लिए भी खासी संभावनाएं जताई जा रही हैं। मुख्यालय नर्मदापुरम में भी एथेनॉल में निवेश लाभप्रद साबित हो सकता है।
बैतूल के कृषि विभाग के मुताबिक जिले में गन्ने का रकबा करीब 22000 हेक्टेयर है। करीब 20000 किसान इसकी खेती करते हैं। बैतूल जिले में अभी पांच शुगर फैक्ट्री हैं जिनमें अधिकांश गन्ना खप जाता है। करीब 15 प्रतिशत किसान गुड़ भी बनाते हैं। बैतूल में हर साल 25 हजार मीट्रिक टन गुड़ का उत्पादन होता है। जिले में न केवल पर्याप्त गन्ना होता है बल्कि यहां के गन्ने में शुगर की मात्रा भी अधिक पाई जाती है। बैतूल में गुड़ के साथ ही शुगर मिल की भी संभावनाएं हैं। शुगर मिल होने से एथेनॉल की फैक्ट्री भी लग सकती है जिसका लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
पास के ही संभागीय मुख्यालय नर्मदापुरम में भी एथेनॉल की खासी संभावनाएं हैं। नर्मदापुरम जिले में 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ना की खेती हो रही है। नर्मदापुरम जिले के कृषि उप संचालक के अनुसार यहां गन्ना आधारित उद्योगों के लिए खासी संभावनाएं हैं। नर्मदापुरम में शुगर मिल के साथ ही एथेनॉल के नए उद्योग की भी स्थापना की जा सकती है।नर्मदापुरम के बनखेड़ी ब्लॉक में वर्तमान में शुगर मिल चल रही है। मिल को हर साल लाखों टन गन्ना आसानी से मिल रहा है।