पुणे : चीनी मिल श्रमिकों के वेतन वृद्धि का पिछला समझौता 31 मार्च, 2024 को समाप्त हो गया है। इस संबंध में, दो राज्य-व्यापी संगठनों अर्थात् राज्य चीनी श्रमिक महासंघ और राज्य चीनी श्रमिक प्रतिनिधि बोर्ड ने तीन महीने पहले पुणे में चीनी आयुक्त कार्यालय पर लगभग 50,000 चीनी श्रमिकों के साथ मार्च निकाला था। लेकिन उस वक़्त सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया, इसलिए दोनों राज्यव्यापी संगठनों ने सरकार को हड़ताल की चेतावनी दी थी। हालाँकि,राज्य में चीनी मिलों और संबंधित उद्योगों में श्रमिकों की वेतन वृद्धि और अन्य मांगों के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति में चीनी मिल मालिक प्रतिनिधि, श्रमिक प्रतिनिधि और सरकारी प्रतिनिधि शामिल है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार से चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया।
राज्य चीनी श्रमिक महासंघ के महासचिव आनंदराव वायकर ने कहा कि, सरकार द्वारा हमारी मांगों की अनदेखी के चलते दोनों यूनियनों द्वारा 16 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया गया था। राज्य सरकार ने इसका संज्ञान लिया। राज्य चीनी श्रमिक महासंघ और राज्य चीनी श्रमिक प्रतिनिधि मंडल के प्रमुख पदाधिकारियों ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार से मुलाकात की। इस समय फेडरेशन के अध्यक्ष पी. के. मुडे, कार्यकारी अध्यक्ष शिवाजी औटी, प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष तात्यासाहेब काले, महासचिव शंकरराव भोसले, कार्यकारी अध्यक्ष राउ पाटिल, अविनाश आपटे आदि उपस्थित थे। तीन सदस्यीय समिति में आनंदराव वायकर, शिवाजी औटी और अविनाश आपटे को चुना गया है।