कैथल : द सहकारी चीनी मिल में आयोजित किसान संगोष्ठी में हरियाणा सहकारी चीनी मिल प्रसंघ लिमिटेड पंचकूला के अध्यक्ष धर्मबीर डागर ने कहा कि, गन्ना हार्वेस्टिंग मशीन से कटाई किसानों और चीनी मिल दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। इससे गन्ना कटाई मजदूरों की कमी से निपटने में काफी मदद मिल रही है। उन्होंने कहा, हमें गन्ने की अच्छी पैदावार लेने के लिए बुवाई से लेकर कटाई तक तकनीकी रूप से काम करना होगा। धर्मबीर डागर ने कहा कि, हरियाणा देश में गन्ने की फसल का सबसे ज्यादा भाव देने वाला राज्य है, लेकिन गन्ना खेती में मजदूरों की कमी की समस्या है, जिसकी वजह से गन्ने के रकबे में काफी कमी आई है। श्रमिकों की कमी और महंगे श्रम की समस्या का हल मशीनीकरण द्वारा करना संभव है।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार,उन्होंने कहा की प्रदेश की अन्य मिलों में भी गन्ना हार्वेस्टिंग मशीनें भी उपलब्ध कराई जाएंगी। आने वाले सीजन में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत कुछ प्रतिशत किसानों को चिह्नित करके वैज्ञानिक तरीके से बुवाई करवाएंगे और उनको हारवेस्टिंग मशीन उपलब्ध करवाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे गन्ने की खेती अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करें। मिल कैथल के प्रबंध निदेशक कृष्ण कुमार ने कहा कि, गन्ना हारवेस्टर द्वारा गन्ने की कटाई उपरांत फसल अवशेष के उचित प्रबंधन के कारण मिट्टी की उर्वरा शक्ति में काफी सुधार होगा जो बिना किसी अतिरिक्त लागत के सीधे किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
किसान संगोष्ठी में गन्ना सलाहकार डॉ.रोशन लाल यादव, हरियाणा सहकारी चीनी मिल प्रसंघ लि., पंचकूला ने किसानों को कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा अनुमोदित गन्ने की किस्मों की बिजाई करने की सलाह दी। डॉ. सुधीर शर्मा ने गन्ने की किस्मों के बारे में जानकारी प्रदान की। डॉ.ओपी चौधरी ने गन्ने की फसल में लगने वाले कीड़ों व कीटों के बारे में विस्तार से बताया। इसी प्रकार डा. हरविंद्र सिंह ने फसल में आने वाले बीमारियों व उनके उपचार के बारे में किसानों को जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में भाजपा जिला अध्यक्ष मुनीष कठवाड़ बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल हुए। इस अवसर पर चीनी मिल फार्म पर गन्ना कंबाइन हारवेस्टर से गन्ना कटाई दिखाई गई। कार्यक्रम में पानीपत शुगर मिल एमडी मंदीप कुमार, यमुनानगर सरस्वती शुगर मिल के उपाध्यक्ष धर्मपाल, ईश्म सिंह, अनिता चौधरी, देवेंद्र पंचाल, कृष्ण पिलानी, रोशन सैनी, देवी दयाल, विनोद बंसल, कुलदीप शर्मा आदि किसान मौजूद रहे।