नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग (XV FC) अनुदान के तहत धनराशि जारी की। अनुदानों में उत्तर प्रदेश के लिए 1,598.80 करोड़ रुपये और आंध्र प्रदेश के लिए 446.49 करोड़ रुपये शामिल है। पंचायती राज मंत्रालय ने कहा कि, उत्तर प्रदेश को कुल 1,598.80 करोड़ रुपये के अनटाइड अनुदान की दूसरी किस्त मिली है। इसमें कहा गया है, ये धनराशि राज्य की सभी पात्र 75 जिला पंचायतों, सभी पात्र 826 ब्लॉक पंचायतों और सभी पात्र 57691 ग्राम पंचायतों के लिए है।
इसी तरह, आंध्र प्रदेश को वित्तीय वर्ष के लिए पहली किस्त से 25.49 करोड़ रुपये की रोकी गई राशि के साथ 420.99 करोड़ रुपये की राशि के अनटाइड अनुदान की दूसरी किस्त आवंटित की गई। मंत्रालय ने कहा कि, आंध्र प्रदेश में ये धनराशि पात्र 13097 विधिवत निर्वाचित ग्राम पंचायतों, 650 विधिवत निर्वाचित ब्लॉक पंचायतों और राज्य की सभी 13 पात्र जिला पंचायतों के लिए है। पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय द्वारा अनुशंसित अनुदान सालाना दो किस्तों में जारी किए जाते हैं। इनका उद्देश्य संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में उल्लिखित 29 विषयों के तहत स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं को संबोधित करना है। जबकि अनटाइड अनुदान वेतन और स्थापना लागतों को छोड़कर विभिन्न विकासात्मक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, बंधे हुए अनुदान विशेष रूप से स्वच्छता, खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति के रखरखाव और वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण सहित जल आपूर्ति प्रबंधन के लिए आवंटित किए जाते हैं।
पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) का यह प्रत्यक्ष वित्तीय सशक्तिकरण ग्रामीण स्थानीय शासन को बदल रहा है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि, यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो गांव स्तर पर समावेशी विकास और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है। इस धनराशि से जवाबदेही बढ़ने, बुनियादी सेवाओं में सुधार और सहभागी लोकतंत्र को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे भारत “विकसित भारत” बनने के लक्ष्य के करीब पहुंचेगा, जहां हर गांव देश की समृद्धि में सक्रिय रूप से योगदान देगा।