नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि, चीनी उद्योग में जीडीपी में अपनी हिस्सेदारी मौजूदा 1-1.15 प्रतिशत से बढ़ाकर 3 प्रतिशत करने की क्षमता है। उन्होंने प्रति एकड़ गन्ने का उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने नीतिगत उन्नति, तकनीकी नवाचारों और जैव ईंधन अर्थव्यवस्था को आकार देने वाले उभरते बाजार की गतिशीलता के माध्यम से ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता में उनकी भूमिका पर भी जोर दिया। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने नई दिल्ली में ‘चीनीमंडी’ की ओर से आयोजित चीनी-एथेनॉल और जैव ऊर्जा भारत सम्मेलन (एसईआईसी) 2025 के चौथे संस्करण को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा, भारतीय कृषि क्षेत्र लगभग 42.3 प्रतिशत आबादी को आजीविका प्रदान करता है और वर्तमान मूल्यों पर देश के जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी 18.2 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, भारतीय चीनी उद्योग में देश के जीडीपी में 3 प्रतिशत योगदान करने की क्षमता है। सरकार ने भारत में वैकल्पिक ईंधन के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए बहुत कुछ किया है।मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार अब इथेनॉल के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठा रही है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सी-हैवी मोलासेस से बने एथेनॉल के खरीद मूल्य में 3 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दे दी, जो 2024-25 आपूर्ति वर्ष के लिए 57.97 रुपये प्रति लीटर है, जबकि अन्य फीडस्टॉक्स के लिए दरों को अपरिवर्तित रखा गया है। चीनी उद्योग के उप-उत्पादों से एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मूल्य वृद्धि, ऐसे समय में हुई है जब भारत 2025-26 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण के अपने त्वरित लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रयास कर रहा है।
चीनी के निर्यात को नियंत्रित करने की सरकार की नीति को फायदेमंद और हानिकारक दोनों मानते हुए, मंत्री ने कहा कि, चीनी उद्योग को नए दृष्टिकोण से देखने की जरूरत है। उन्होंने कहा, क्योंकि देश में सत्ता में कोई भी पार्टी हो, भारतीय नीति निर्माताओं की मानसिकता शहर केंद्रित है। उन्हें केवल चार उत्पादों – चीनी, तेल, गेहूं और चावल में मुद्रास्फीति की चिंता है। उन्होंने कहा, कुछ फसलों की एमएसपी दरें बाजार मूल्य से अधिक हैं, फिर भी हम अपनी फसल पैटर्न नहीं बदल रहे हैं। गडकरी ने कहा कि, भारतीय कृषि और चीनी उद्योग के विविधीकरण ने अच्छे परिणाम दिखाए हैं। उन्होंने भारतीय उद्योग में ड्रोन और नई तकनीक के उपयोग पर भी जोर दिया।