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बैंकाक : कम्बोडियन किसानों ने थाईलैंड की सबसे बड़ी चीनी कंपनी मितर फोल पर अपनी जमीन चुराने का आरोप लगाया था, लेकिन कंपनी ने इस सभी आरोपों को बेबुनियाद बता कर इनकार किया। कम्बोडियन किसानों के एक समूह को एक बड़ा झटका तब लगा जब थाईलैंड की सबसे बड़ी चीनी कंपनी के खिलाफ उनके कानूनी मामले के आवेदन को खारिज कर दिया गया।
हालांकि, कम्बोडियन के 700 से अधिक किसान परिवारों ने अपील करने का फैसला किया है। स्मेन ते और होई माई ने पिछले साल चीनी निर्माता मितर फोल के खिलाफ अदालत में मामला उठाते हुए दावा किया था कि, 2008 में कंपनी द्वारा उनकी भूमि को विनियोजित किया गया था। मितर फोल थाईलैंड के सबसे बड़े चीनी उत्पादक हैं और यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी चीनी कंपनी है। पिछले साल, इसने 95 बिलियन थाई बाह्त (300 करोड़ रूपये) का राजस्व और 3.05 करोड़ रूपये का लाभ दर्ज किया।
स्मेन ते और होय माई कंबोडिया के उत्तर में ओडार माध्य प्रांत के सैकड़ों परिवारों में से हैं, जो दावा करते हैं कि मितर फोल की सहायक कंपनी ने गलत तरीके से उनकी जमीन ले ली। कंपनी ने कुछ साल बाद सरकार को जमीन वापस कर दी, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि, उन्हें न तो पर्याप्त मुआवजा मिला और न ही उनकी जमीन। कंपनी को अपनी जमीन खोने के परिणाम के रूप में, ग्रामीणों का कहना है कि, उन्होंने अपनी आय और आजीविका खो दी, उनके बच्चे स्कूल नहीं जा सके, और कई ग्रामीणों को कंपनी के खिलाफ विरोध करने के लिए गिरफ्तार किया गया। बैंकॉक साउथ सिविल कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया कि 711 परिवारों के मामलों को एक वर्गीय कार्रवाई के रूप में माना जाना उचित नहीं था।