लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय की पुष्टि राज्य के आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने की, जिन्होंने नीति के तहत प्रमुख बदलावों की रूपरेखा बताई। प्रमुख सुधारों में से एक शराब की दुकान के लाइसेंस देने के लिए ई-लॉटरी प्रणाली की शुरुआत करना शामिल है। नई नीति में यह प्रावधान है कि, मौजूदा लाइसेंस के नवीनीकरण की अनुमति नहीं दी जाएगी और लाइसेंस पारदर्शी ऑनलाइन लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से आवंटित किए जाएंगे।
इसके अतिरिक्त, नीति में राज्य के भीतर व्यक्तियों को दो से अधिक शराब लाइसेंस रखने की अनुमति नहीं दी गई है।मंत्री अग्रवाल ने यह भी उल्लेख किया कि, पहली बार विदेशी शराब और बीयर को कंपोजिट स्टोर में एक साथ संचालित करने की अनुमति दी जाएगी, जो व्यवसायों के लिए एक नया अवसर प्रदान करेगा। नई नीति के तहत सरकार ने आबकारी संग्रह से 55,000 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य रखा है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 4,000 करोड़ रुपये अधिक है।
नितिन अग्रवाल ने कहा, पहले अनाज आधारित शराब कांच की बोतलों में आती थी, लेकिन इस बार देशी शराब के दोनों ग्रेड, चाहे अनाज आधारित हो या मोलासेस आधारित, कांच की जगह टेट्रा पैक से आएंगे। टेट्रा पैक सुरक्षित है और मिलावट की संभावना कम है। उन्होंने आगे कहा, अगर कोई मिल मालिक एथेनॉल मिश्रण के लिए परमिट मांगता है, तो उसके लिए हम इस बार 7,500 रुपये का प्रसंस्करण शुल्क शुरू कर रहे हैं।