लखनऊ: इस सीजन में प्रदेश के कई जिलों में गन्ने की रिकवरी में गिरावट देखने को मिल रही है। खराब मौसम और लाल सड़न बीमारी के चलते गन्ना उत्पादन में कमी हुई है। लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली समेत वेस्ट यूपी के सभी जिलों में उत्पादन में कमी से किसानों से लेकर चीनी उद्योग तक सभी परेशान है। उत्पादन में गिरावट का सीधा असर किसानों की आय पर पड़ रहा है।
हालांकि अधिकारियों और किसानों के अनुसार, चीनी मिलों द्वारा एथेनॉल निर्माण को लेकर ‘बी’ और ‘सी हैवी’ बनाने से रिकवरी कम आ रही है। बागपत की तीन शुगर मिलों ने अब तक करीब ढाई करोड़ क्विंटल गन्ने की पेराई कर करीब 25 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया है। बागपत में तीनों शुगर मिलों में गन्ने की रिकवरी औसतन 10.80 प्रतिशत आ रही है।
सबसे ज्यादा रिकवरी बागपत शुगर मिल की 10.90 आ रही है। वहीं, रमाला और मलकपुर चीनी मिल की रिकवरी भी करीब 10.30 से 10.40 आ रही है। शामली जिले की तीन शुगर मिलों की औसतन रिकवरी 10.90 है। लगभग 171.57 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई हुई है। इनसे जिले में 13.77 लाख कुंतल चीनी का उत्पादन हुआ है। गन्ने की रिकवरी गत वर्ष इन दिनों 11.12 रही,जबकि कुल गत वर्ष की कुल औसतन रिकवरी 10.45 प्रतिशत रही।
हापुड़ में सिंभावली शुगर मिल प्रबंध समिति के अनुसार इस बार दोनों शुगर मिल में गन्ने की रिकवरी वर्तमान में 10.70 प्रतिशत है। जो पिछले साल की तुलना में .7 प्रतिशत कम है। मुजफ्फरनगर की आठ शुगर मिलों ने अब तक करीब छह करोड़ छह लाख 42 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई की है। साथ ही 58.9 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया है। आठों शुगर मिलों में गन्ने की रिकवरी औसतन 9.59 प्रतिशत रिकवरी आ रही है। सबसे ज्यादा रिकवरी बजाज मिल बुढ़ाना की 10.45 और सबसे कम उत्तम शुगर मिल की 9.28 प्रतिशत रिकवरी आई है।