छत्रपति संभाजीनगर: महाराष्ट्र श्रमिक गन्ना कटाई एवं परिवहन श्रमिक संघ ने महाराष्ट्र में गन्ना कटाई श्रमिकों की मांगो पर अगले तीन महीनों में ध्यान नहीं दिया गया तो आंदोलन करने की चेतावनी दी है। गन्ना काटने वालों के कल्याण बोर्ड को सामाजिक न्याय विभाग से श्रम विभाग में स्थानांतरित करना और गन्ना कटाई से जुड़े अन्य श्रमिकों को माथाडी श्रमिक अधिनियम के तहत लाना संगठन की कुछ प्रमुख मांगें हैं। इसके अलावा, संगठन गन्ना काटने वालों के लिए सुनिश्चित और उचित वेतन चाहता है। संगठन के अध्यक्ष जीवन राठौड़ ने मंगलवार को कहा कि, गन्ना काटने वालों की महत्वपूर्ण जरूरतों और मांगों पर चर्चा करने के लिए चीनी आयुक्तालय में एक बैठक आयोजित की गई थी।
उन्होंने कहा, बैठक के दौरान गन्ना काटने वालों, खासकर महिला श्रमिकों के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर चर्चा की गई। चीनी उद्योग के कामकाज में कुछ विसंगतियां हैं, जिनमें चीनी की कीमतें तय करने से जुड़ी विसंगतियां भी शामिल हैं। इन चिंताओं को अधिकारियों के ध्यान में लाया गया। राठौड़ ने कहा कि, गन्ना काटने वालों के बच्चों के शिक्षा अधिकारों से जुड़ी चिंताओं पर भी चर्चा की गई। उन्होंने कहा, चीनी आयुक्त ने हमें अगले तीन महीनों में गन्ना काटने वालों की समस्याओं का ठोस समाधान निकालने का आश्वासन दिया है। अगर अधिकारी अपना वादा पूरा करने में विफल रहते हैं, तो हम आंदोलन का सहारा लेंगे।मराठवाड़ा, खानदेश और विदर्भ क्षेत्रों के गन्ना काटने वाले लगभग 12 से 15 लाख लोग हर साल राज्य के अन्य हिस्सों और कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में गन्ना काटने के लिए जाते हैं।