लखनऊ : प्रदेश के हजारो किसान और किसान संगठनों के मांग के बावजूद सरकार ने इस बार गन्ने का मूल्य नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये सरकार ने गन्ना मूल्य यथावत रखने का निर्णय किया है। सरकार के इस फैसले से किसानों को बड़ा झटका लगा है। गन्ना खेती की बढ़ती लागत के चलते किसान पिछले कुछ महीनों से गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे। इस मांग को लेकर किसानों ने विधायक, सांसद, मंत्रियों तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आवेदन लिखा था, लेकिन फिर भी गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी नही हुई है। पेराई सत्र 2024-25 में गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य (एसएपी) 370 रुपये प्रति क्विंटल ही रहेगा। राज्यपाल के अभिभाषण को भी कैबिनेट बाई सर्कुलेशन स्वीकृति दी गई है।
जागरण में प्रकाशित खबर के मुताबिक, सोमवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये कुल 10 प्रस्ताव पास हुए। इनमें सबसे प्रमुख गन्ना मूल्य का प्रस्ताव था। सरकार ने इसे पिछले वर्ष की तरह यथावत रखने का निर्णय लिया है। पेराई सत्र 2022-23 में गन्ने की अगेती प्रजातियों के लिए 350, सामान्य प्रजाति के लिए 340 और अनुपयुक्त प्रजाति के लिए 335 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य निर्धारित किया गया था। इसके बाद पिछले लोकसभा चुनाव से पहले पेराई सत्र 2023-24 में गन्ने की अगेती प्रजातियों के लिए मूल्य को 20 रुपये बढ़ाकर 370 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था। वहीं, सामान्य प्रजाति के लिए 360 रुपये प्रति क्विंटल और अनुपयुक्त प्रजाति के लिए 355 रुपये प्रति क्विंटल गन्ना मूल्य तय किया था। इस बार सरकार ने मूल्य को यथावत रखा गया है।